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चोर, चोर, लूटने, लूटने, लूटने, डाकू, लुटेरे, डकैती, लूट

सच्चाई:

“चोर” या “लुटेरा” वह इन्सान है जो आदमियों का पैसा या सामान चुराता है। "चोर" का जमा’ है "चोरों।" लफ़्ज़ "डाकू" अक्सर एक चोर को ज़ाहिर करता है जो जिस्मानी तौर से उन लोगों को नुक़सान पहुँचाता या धमकाता है जिससे वह चोरी करता हैं।

  • ‘ईसा ने एक सामरी की तमसील सुनाया, जिसने एक यहूदी शख़्स का ख़्याल रखा जिस पर लुटेरों ने हमला किया था। लुटेरों ने यहूदी आदमी को पीटा और उसके पैसे और कपड़े चोरी करने से पहले उसे घायल कर दिया था।
  • चोर और लुटेरों दोनों चोरी करने अचानक ही आते है, जब लोग इसकी उम्मीद नहीं करते। वे अक्सर अँधेरे में काम करते हैं कि छिपे रहें।
  • नये ‘अहद नामे में शैतान को तमसीली शक्ल में एक चोर कहा गया है जो चोरी करने, क़त्ल करने और हलाक करने आता है। इसका मतलब है कि शैतान का मंसूबा है कि ख़ुदा के लोगों को बहका कर उसका हुक्म मानने से रोके। अगर शैतान ऐसा करने में क़ामयाब हुआ तो लोगों से अच्छी चीजें चोरी कर लेगा जो ख़ुदा ने उनके लिए मंसूबा बनाया है।
  • ‘ईसा ने अपने फिर से आने की बराबरी चोर से किया जो अचानक लोगों से चोरी करने आता है। जैसे चोर ऐसे वक़्त में आता है जब इन्सान उसके इन्तिज़ार में नहीं रहता है वैसे ही ‘ईसा भी अचानक ही आ जाएगा जब इन्सान उसके वापस आने के लिए तैयार न हो।

(यह भी देखें: बरकत , जुर्म , सलीब पर चढ़ाई, अँधेरा , बर्बाद करने वाला , क़ुदरत , सामरिया, शैतान)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H1214, H1215, H1416, H1589, H1590, H1980, H6530, H6782, H7703, G727, G1888, G2417, G2812, G3027