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सलीब पर चढ़ा, सलीब पर चढ़ाया
ता’रीफ़:
“सलीब पर चढ़ा” या’नी किसी को सलीब पर लटका कर छोड़ देना कि वह दर्द में होकर मर जाए।
- मुजरिम को सलीब पर बांध कर लटकाया जाता या कीलों से ठोंक कर लटकाया जाता था। सलीब पर लटकाया हुआ आदमी ख़ून की कमी से या सांस लेने में कठिनाई की वजह से मर जाता था।
- पुराने रोमी सल्तनत में सजाए-ए- मौत की यह तरकीब हमेशा काम में ली जाती थी, ख़ास करके ख़तरनाक मुजरिमों के लिए या हुकूमत के बाग़ियों के लिए।
- यहूदियों के रहनुमाओं ने रोमी हाकिमों को मजबूर किया कि वह ‘ईसा को सलीब पर चढ़ाने के लिए सिपाहियों को हुक्म दे। सिपाहियों ने ‘ईसा को कीलों से सलीब पर ठोंका था। ‘ईसा ने मरने से पहले छः घंटे दुःख उठाया था।
तर्जुमे की सलाह:
- सलीब पर चढ़ाने का तर्जुमा किया जा सकता है, “सलीब पर मौत ” या “सलीब पर कीलों से ठोक कर सज़ा -ए-मौत देना”।
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- रसूलों के 'आमाल . 02:22-24
- गलतियों 02: 20-21
- लूका 23:20-22
- लूका 23:33-34
- मत्ती 20:17-19
- मत्ती 27:23-24
किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसाल:
- 39:11 लेकिन यहूदी रहनुमाओं और भीड़ ने चिल्लाकर कहा कि, “उसे सलीब पर चढाओं।”
- 39:12 लेकिन पिलातुस डर गया कि कही कोलाहल न मच जाए, इसलिये उसने ‘ईसा को सलीब पर चढ़ाए जाने के लिए सिपाहियों को सौंप दिया।
- 40:01 सिपाहियों के ज़रिये’ ‘ईसा का मज़ाक उड़ाने के बा’द, वह ‘ईसा को सलीब पर चढ़ाने के लिये ले गए। उन्होंने ‘ईसा से वो सलीब उठवाया जिस पर उसे मरना था।
- 40:04 ‘ईसा को दो डाकुओ के बीच सलीब पर चढ़ाया गया।
- 43:06 “हे इस्राईलियो ये बातें सुनो: ‘ईसा नासरी एक इन्सान था, जिसने ख़ुदा की ताक़त से कई मोजिज़े के कामों और निशानों को ज़ाहिर किया, जो ख़ुदा ने तुम्हारे बीच उसके ज़रिये’कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो तुम ने गुनहगारों के हाथ उसे सलीब पर चढ़वाकर मार डाला।”
- 43:09 "उसी ‘ईसा को जिसे तुमने सलीब पर चढ़ाया।”
- 44:08 तब पतरस ने उन्हें जवाब दिया, “’ईसा मसीह की क़ुव्वत से यह आदमी तुम्हारे सामने भला चंगा खड़ा है। तुमने ‘ईसा को सलीब पर चढ़ाया, लेकिन ख़ुदा ने मरे हुओं में से जिलाया।”
शब्दकोश:
- Strong's: G388, G4362, G4717, G4957