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तारीकी
ता’अर्रुफ़
तारीकी का लफ़्ज़ी मतलब है रोशनी की ग़ैरमौजूदगी| इस लफ़्ज़ के ’अलामती मतलब भी हैं:
- इस्ता’रा की शक्ल में “तारीकी” का मतलब “नापाकी”, या “बुराई”, या “रूहानी अँधापन” है |
- यह गुनाह और इख़लाक़ी फ़सादात के हवाले से है|
- “तारीकी का बादशाह” इस जुमले का मतलब है सब कुछ जो बुरा है और शैतान के ताबे’ है|
- तारीकी मौत की शक्ल भी है| (देखें: इस्ता’रा
- जिन इंसानों को ख़ुदा का ‘इल्म नहीं उन्हें उनके लिए कहा जाता है कि वे “तारीकी में रह रहे हैं” या’नी रास्तबाज़ी को समझते नहीं और न ही उसका सुलूक करते हैं|
- ख़ुदा नूर(रास्तबाज़ी) है और तारीकी (बुराई)उस पर नहीं छा सकती है|
- ख़ुदा को छोड़ने वालों को सज़ा की जगह को कभी-कभी “बाहरी तारीकी” कहा जाता है|
तर्जुमे की सलाह
- इस लफ़्ज़ का तर्जुमा जैसा का तैसा करना ठीक है, मक़सदी ज़बान में इसका मुतरज्जिम लफ़्ज़ जिसका ता’अल्लुक रोशनी की ग़ैरमौजूदगी से है | यह किसी कमरे की तारीकी का भी लफ़्ज़ हो सकता है जहाँ रोशनी नहीं या वक़्त का वह पहर जब रोशनी नहीं होती|
- ‘अलामती इस्ते’माल में भी रोशनी के मुख्तलिफ़ लफ़्ज़ का मतलब ज़ाहिर होना है, भलाई और सच्चाई के मुख़ालिफ़ बुराई और धोके का ज़िक्र करना|
- मज़मून पर मुनहस्सिर इसका तर्जुमा हो सकता है, “रात की तारीकी” (जैसा कि “दिन की रोशनी” की मुख़ालिफ़त की गयी थी) या “कुछ भी नहीं देखना, रात की तरह” या “बुराई, तारीक जगह जैसा|
(यह भी देखें: फ़साद, इख़्तियार, बादशाही, नूर, नजात देना, रास्तबाज़
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- 1 युहन्ना 01:5-7
- 1 युहन्ना 02:7-8
- 1 थिस्लुनीकियो 05:4-7
- 2 समूएल 22:10-12
- कुलस्सियो 01:13-14
- यसा’याह 05:29-30
- यरमियाह 13:15-17
- यशू’अ 24:7
- मत्ती 08:11-13
शब्दकोश:
- Strong's: H652, H653, H2816, H2821, H2822, H2825, H3990, H3991, H4285, H5890, H6205, G2217, G4652, G4653, G4655, G4656