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2.4 KiB

बिगड़कर, हलाक होती है, बिगड़ गए, बेकार , सड़ाहट, बिगड़ गए

ता’अर्रुफ़:

“बिगड़कर” या “सड़ाहट” का बयान ऐसी हालत से है जिसमें इन्सान हलाक हो जाता है बुरा या बेईमान हो जाता है।

“बिगड़कर” लफ़्ज़ का ख़ास मतलब है, अच्छाई में “झुकना” या “तोड़ा जाना” है।

  • जो इन्सान “बिगड़ गया” वह हक़ से मुँह मोड़ गया और बुरे और ग़ैर इख़लाकी काम करता है।
  • किसी को बिगाड़ना या’नी उसे ग़लत और बुरा काम करने के लिए मुता’स्सिर करना।

तर्जुमे के सलाह:

  • “बिगाड़ना” या’नी “बुरा काम करने के लिए मुता’स्सिर करना” या “बुरा होने के लिए हौसला देना ”।
  • बिगड़ा इन्सान वह है, “जो बुरा हो गया है” या “जो बुराई करता है”
  • इस लफ़्ज़ का तर्जुमा “बुरा” या “ग़लत ” या “बदकार ” भी किया जा सकता है।
  • “बिगड़ना” का तर्जुमा हो सकता है, “बुरासुलूक ” या “बुराई” या “बदकारी ”

(यह भी देखें: बुरा )

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H1097, H1605, H2254, H2610, H4167, H4743, H4889, H4893, H7843, H7844, H7845, G853, G861, G862, G1311, G1312, G2585, G2704, G4550, G4595, G5349, G5351, G5356