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4.1 KiB

छुड़ा ले, छुटकारा, छुटकारा, छुटकारा दिलानेवाला

ता’अर्रुफ़:

“छुड़ा ले” या “छुटकारा” को वापस ख़रीदने या किसी ऐसे इन्सान को ख़रीदने के बारे में बताया गया जो पहले मिलकियत में था, या क़ैदी था| इसे करने के ‘अमल को "छुटकारा" कहते है। मुन्जी (छुड़ानेवाला) वह इन्सान है जो किसी चीज़ या इन्सान को छुड़ा लेता है।

  • ख़ुदा ने इस्राईल को किसी चीज़ या इन्सान को छुड़ाने के क़ानून दिए थे।
  • मिसाल के तौर पर, किसी ग़ुलाम को क़ीमत चुका कर कोई इन्सान छुड़ा सकता था कि वह आज़ाद हो जाए। “फ़िरौती” भी इसी मश्क़ के बारे में है।
  • अगर किसी की ज़मीन बेची जा चुकी है तो उसका कोई ख़ानदानी उस ज़मीन को छुड़ा सकता है या “दुबारा ख़रीद” सकता है कि वह ख़ानदानी दौलत बनी रहे।
  • इन मश्क़ से ज़ाहिर है कि ख़ुदा गुनाहों के ग़ुलामी में रहनेवालों को कैसे छुड़ाता है, जब ‘ईसा सलीब पर मर गया था तब उसने इन्सानों के गुनाहों का पूरा क़ीमत चुका दिया और उन सबको छुड़ा लिया जो आज़ादी के लिए उसमें ईमान करते हैं। जो इन्सान ख़ुदा के ज़रिए’ छुड़ाए गए हैं वे गुनाह और गुनाह की सज़ा से आज़ाद हो गए हैं।

तर्जुमे की सलाह:

मज़मून पर मुनहस्सिर, “छुड़ाना” का तर्जुमा हो सकता है, “दुबारा ख़रीद लेना” या “आज़ाद होने की कीमत चुकाना(कोई)” या "फ़िरौती"।

  • लफ़्ज़ "छुटकारा" का तर्जुमा "" या "फ़िरौती होने की क़ीमत" या "दुबारा ख़रीद लेना" के तौर पर किया जा सकता है।
  • लफ़्ज़ "फ़िरौती" और “छुटकारा” बुनियादी तौर से एक ही मतलब है, इसलिए कुछ ज़बानों में इन दोनों अलफ़ाज़ का तर्जुमा करने के लिए सिर्फ़ एक लफ़्ज़ हो सकता है। लफ़्ज़ "फ़िरौती",ताहम, इसका मतलब भी ज़रूरी अदायगी हो सकता है।

(यह भी देखें: आज़ाद, फ़िरौती)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H1350, H1353, H6299, H6302, H6304, H6306, H6561, H7069, G59, G629, G1805, G3084, G3085