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1.6 KiB

क़ुसूर , जुर्मों, बदकार , ख़ताकार लोग

ता’अर्रुफ़:

“क़ुसूर” हमेशा गुनाह का बयान देता है जिसमें मुल्क का क़ानून तोड़ना भी होता है। “बदकार ” या’नी ख़ता करनेवाला।

  • जुर्म अनेक तरह के होते हैं जैसे आदमी का क़त्ल करना या चोरी करना।
  • मुजरिम को पकड़ कर बन्दी बनाया जाता है और क़ैद ख़ाने में रखा जाता है।
  • कलाम-ए-मुक़द्दस के ज़माने में कुछ मुजरिम भगोड़े होते थे। वे जगह-जगह भागते फिरते थे कि उनके जुर्म का बदला लेने वालों से बचे”।

(यह भी देखें: चोर)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H2154, H2400, H4639, H5771, H7563, H7564, G156, G1462, G2556, G2557, G4467