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टाट
ता'अर्रुफ़:
टाट बकरी के या ऊँट के बालों से बना एक चुभनेवाला सख्त लिबास होता था।
- जो लोग इससे बने हुए कपड़े पहनते थे उनको आराम नहीं होता था । * टाट मातम, ग़म या ‘आजिज़ी तौबा दिखाने के लिए पहना गया था ।
- "टाट और राख" एक तरह के जुमले थे जो नौहा और तौबा के लिए एक तरह के जुमलें है ।
तर्जुमा की सलाह:
- इस लफ़्ज़ का तर्जुमा इस तरह से भी किया जा सकता है जैसे "जानवरों के बालों से बना मोटा लिबास" या "बकरी के बालों से बना लिबास" या "मोटा चुभने वाला लिबास ।"
- इस तरह से भी इस लफ़्ज़ का तर्जुमा हो सकता है "सख्त,खुरखुरा ग़म के कपड़ों।"
- "टाट ओढ़कर राख में बैठना" का तर्जुमा ऐसे भी हो सकता है जैसे "चुभने वाला लिबास पहनकर राख में बैठने के ज़रिए' मुसीबत और हलीमी ज़ाहिर करना।"
(यह भी देखें: नए लफ़्ज़ों का तर्जुमा कैसे करे)
(यह भी देखें: राख, ऊंट, बकरी, आजिज़ी, ग़म, तौबा, निशान )
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H8242, G4526