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निशान, निशानियाँ,सुबूत, याद दिलाना
ता’अर्रुफ़:
निशान वह चीज़ , जो हादसा या काम है जो एक ख़ास मतलब ज़ाहिर करता है।
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"याद कराने वाली बात" ऐसे इशारे हैं जो "याद दिलाने उन्हें याद करने में मदद करते है, जो कुछ वा'दा किया गया था:
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ख़ुदावन्द ने आसमानी कमान ज़ाहिर किया जो इस क़सम को याद कराता है कि ख़ुदावन्द दुनिया को पानी के सैलाब के ज़रिए' इन्सानी क़ौम को फिर हलाक नहीं करेगा।
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ख़ुदावन्द ने इस्राईलियों को हुक्म दिया कि वह उसके 'अहद के निशान के तौर पर अपने बेटों का ख़तना करें।
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निशान किसी बात को ज़ाहिर करते हैं या उसकी तरफ़ इशारा करते हैः
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फ़रिश्ते ने चरवाहों को एक निशान दिया जिसके ज़रिए' वह बैतलहम में मा'सूम मसीह को पहचान पाए।
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यहूदा ने 'ईसा को बोसा देकर मज़हबी रहनुमाओं पर निशान ज़ाहिर किया कि जिसे उन्होंने पकड़ना है वह 'ईसा यही है।
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निशान किसी बात को सच्चा साबित करते है:
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नबियों और रसूलों के ज़रिए' किए गए मो'जिज़े निशान थे कि वह ख़ुदा की ख़ुशख़बरी सुना रहे थे ।
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‘ईसा ने जो मो'जिज़े किए, वह साबित करते है कि वह हक़ीक़त में मसीहा था ।
(तर्जुमा की सलाह:
- जुमले के मुताबिक़ “निशान” का तर्जुमा “इशारा” या “'अलामत” या “पहचान” या “सुबूत” या “सुबूत” या “इशारा करना” भी हो सकता है।
- “हाथों से इशारा करना” का तर्जुमा “हाथों का इशारा” या “हाथों से इशारा करना” या “इशारा दिखाएँ” भी हो सकता है।
- कुछ ज़बानों में निशान” जो किसी बात को साबित करता है और मो'जिज़े के लिए निशान का दूसरा लफ़्ज़ होता है।
(यह भी देखें: मो'जिज़ा, रसूल , मसीह, ‘अहद, ख़तना करना)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- रसूलों के 'आमाल 02:18-19
- ख़ुरूज 04:8-9
- ख़ुरूज 31:12-15
- पैदाइश 01: 14-15
- पैदाइश 09: 11-13
- यूहन्ना02:17-19
- लूक़ा 02:10-12
- मरकुस. 08:11-13
- ज़बूर 089:5-6
शब्दकोश:
- Strong's: H226, H852, H2368, H2858, H4150, H4159, H4864, H5251, H5824, H6161, H6725, H6734, H7560, G364, G880, G1213, G1229, G1718, G1730, G1732, G1770, G3902, G4102, G4591, G4592, G4953, G4973, G5280