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4.7 KiB

रसूल, रसूलों, रिसालत

ता’अर्रुफ़:

“रसूलों”, ईसा के ज़रिए' भेजे गए आदमी जो ख़ुदा और उसकी बादशाही के नबी थे। “रसूलियत” या'नी रसूल होने के लिए चुने गए आदमियों का 'उहदा और इख्तियार ।

  • “रसूल” लफ़्ज़ का मतलब है, “ख़ास मक़सद के लिए भेजा गया आदमी ”। रसूल के पास वही इख्तियार होता है जो भेजनेवाले के पास है।
  • ईसा के वह बारह ख़ास शागिर्द पहले रसूल थे। दूसरे आदमी, जैसे कि पौलुस और या'क़ूब भी रसूल हुए थे।
  • ख़ुदा के क़ूव्वत से रसूल बेख़ौफ़ होकर ख़ुशख़बरी सुनाने के लायक़ हुए थे और वह बीमारों को चंगा करते थे और बदरूहों को भी निकालते थे।

तर्जुमा की सलाह:

  • “रसूल” लफ़्ज़ का तर्जुमा ऐसे लफ़्ज़ या जुमलों के ज़रिए' भी किया जा सकता है जिसका मा'ना “भेजा गया आदमी” या “भेजा गया” या “लोगों को ख़ुदा का पैग़ाम सुनाने के लिए बुलाया गया और भेजा गया आदमी ”।
  • “रसूल” और “शागिर्द” लफ़्ज़ों का तर्जुमा मुखतलिफ़ लफ़्ज़ो में किया जाना ज़रूरी है।

इस बात का भी ध्यान रखें कि इस लफ़्ज़ का तर्जुमा मक़ामी या क़ौमी ज़बान के कलाम तर्जुमा में कैसा है। (देखें: नए लफ़्ज़ों का तर्जुमा कैसे करे)

(यह भी देखें: इख्तियार, चेले, या'क़ूब (जब्दी का बेटा), पौलुस, बारह)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसाल :

  • 26:10 फिर ईसा ने बारह लोगों को चुना, जो कि रसूल कहलाए। रसूल ईसा के साथ-साथ चलते थे और वह ईसा से सीखते थे।
  • 30:01 ईसा ने 'एलान करने के लिए और कई अलग- अलग शहरों में लोगों को सिखाने के लिए अपने __शागिर्दों __ को भेजा।
  • 38:02 ईसा के शागिर्दों में से एक यहूदा नाम का एक आदमी था। वह शागिर्दों के माल की देखभाल करता था, वह पैसों से मुहब्बत करता था और अकसर उसमें से चुराता था।
  • 43:13 शागिर्द लगातार रसूलों से ता'लीम पाने, और शाथ रखने, और रोटी तोड़ने, और दु'आ करने में मशगूल रहे।
  • 46:08 तब बरनबास ने उसे अपने साथ रसूलों के पास ले जाकर उनको बताया कि दमिश्क़ में इसने कैसे ग़लत तरीक़े से ईसा के नाम से 'एलान किया।

शब्दकोश:

  • Strong's: G651, G652, G2491, G5376, G5570