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शागिर्द, शागिर्दों
ता’अर्रुफ़:
“शागिर्द” लफ़्ज़ उस इन्सान के बारे में है जो उस्ताद के साथ बहुत वक़्त गुज़ारता है और उस्ताद के किरदार और ता’लीमों से सीखता है।
- जो लोग ‘ईसा के पीछे चलते थे और उसकी ता’लीमों को सुनकर उन पर ‘अमल करते थे, वे उसके “शागिर्द” कहलाते थे।
- यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के भी शागिर्द थे।
- ‘ईसा के ख़िदमत के वक़्त के दौरान में उसके बहुत से शागिर्द थे और जो उसकी पैरवी करते और उसकी ता’लीमों को सुनते थे।
- ‘ईसा ने बारह शागिर्दों को चुना कि उसके क़रीबी पैरोकार हों, ये शख़्स उसके “रसूल” कहलाए।
- ‘ईसा के बारह रसूल उसके “शागिर्द” या “बारहों” जाने गए|
- ‘ईसा अपने आसमान पर जाने दे ठीक पहले, उसने अपने शागिर्दों को हुक्म दिया कि वे लोगों को ता’लीम दें और उन्हें भी ‘ईसा के शागिर्द बनना सिखाएं।
- जो कोई ‘ईसा पर ईमान रखता और उसकी ता’लीमों का ‘अमल करता है वह ‘ईसा का शागिर्द कहलाता है।
तर्जुमे की सलाह:
- “शागिर्द” लफ़्ज़ का तर्जुमा ऐसे लफ़्ज़ या जुमले के ज़रिए’ किया जाए जिसका मतलब है, “पैरवी करने वाला” या “तलबा” या “लफ़्ज़” या “सीखने वाला”।
- यक़ीनी करें कि इस लफ़्ज़ का तर्जुमा दर्जे में ‘इल्म हासिल करने वाले तलबा के जैसा नहीं।
- यक़ीनी करें कि इस लफ़्ज़ का तर्जुमा “रसूल” लफ़्ज़ के तर्जुमे से अलग लफ़्ज़ हो।
(यह भी देखें: रसूल, यक़ीन, ‘ईसा, युहन्ना (बपतिस्मा देने वाला), बारहों)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- रसूलों के ‘आमाल 06:1
- रसूलों के ‘आमाल 09:26-27
- रसूलों के ‘आमाल 11:25-26
- रसूलों के ‘आमाल 14:21-22
- यूहन्ना 13:23-25
- लूक़ा 06:39-40
- मत्ती 11:1-3
- मत्ती 26:33-35
- मत्ती 27:62-64
किताब-इ-मुक़द्दस की कहानियों से मिसालें:
- 30:08 ‘ईसा ने रोटियाँ और मछलियाँ तोड़-तोड़ कर शागिर्दों को दी कि वे लोगों को परोसे। __ शागिर्दों __ ने रोटियाँ और मछलियाँ सब में बाँट दी, और रोटियाँ और मछलियाँ कम नहीं पड़ी।
- 38:01 ‘ईसा मसीह के अवामी ता’लीमों के तीन साल बा’द अपनी पहली ता’लीम शुरू’ की। ‘ईसा ने अपने __ शागिर्दों __ से कहा कि वह यरूशलीम में उनके साथ ‘ईद का जश्न मनाना चाहता था, और यह वही जगह है जहाँ उसे मार डाला जाएगा।
- 38:11 फिर वह गतसिमनी नाम की एक जगह में अपने __ शागिर्दों __ के साथ आया। ‘ईसा ने अपने __ शागिर्दों __ से कहा कि दु’आ करते रहो कि आज़माइश में न पड़ो।
- 42:10 ‘ईसा ने अपने __ शागिर्दों __ से कहा, “ आसमान और ज़मीन का सारा इख़्तियार मुझे दिया गया है। इसलिये तुम जाओ, सब क़ौमों के लोगों को शागिर्द बनाओ और उन्हें बाप, और बेटे, और पाक रूह के नाम से बपतिस्मा दो और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें हुक्म दिया है, ‘अमल करना सिखाओ।”
शब्दकोश:
- Strong's: H3928, G3100, G3101, G3102