2.3 KiB
2.3 KiB
लिखा गया
ता’अर्रुफ़:
“जैसा लिखा है” या “जो लिखा है” नये ‘अहद नामे में यह जुमला बार-बार आता है जो इब्रानी किताब-ए-मुक़द्दस के हुक्मों और नबूव्वतों के बारे में है।
- कभी कभी “जैसा लिखा है” मूसा की शरी’अत की बातों के बारे में भी काम में लिया गया है।
- अगर यह जूमला पुराने ‘अहद नामे की नबूव्वतों के लिखे हुए के बारे में हैं।
- इसका तर्जुमा हो सकता है, “जैसा मूसा की शरी’अत में लिखा है” या “जैसा नबियों ने सालों पहले लिखा था” या “मूसा की लिखी ख़ुदा की शरी’अत में कहा गया है”।
- एक तरीक़ा यह भी है कि इसे जैसे का जैसा ही रखें, “लिखा है कि” और लिखी तहरीर में इसका मतलब वाज़े’ करें।
(यह भी देखें: हुक्म, शरी’अत, नबी, ख़ुदा का कलाम)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- 1 यूहन्ना 05:13-15
- रसूलों के 'आमाल . 13:28-29
- ख़ुरूज 32:15-16
- यूहन्ना 21:24-25
- लूका 03:4
- मरकुस 09:11-13
- मत्ती 04:5-6
- मुकाश्फ़ा 01:1-3
शब्दकोश:
- Strong's: H3789, H7559, G1125