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नबी , नबी , नबूव्वत ,नबूव्वतें ,नबीया , नबीय
ता’अर्रुफ़:
नबी ख़ुदा का पैग़ाम इन्सानों तक पहुंचाता है। नबूव्वत करनेवाली ‘औरत को नबीया कहते हैं।
- नबी इन्सानों को गुनाहों से दूर होने और ख़ुदा का हुक्म मानने के लिए याद दिलाते थे।
- नबूव्वत नबी का पैग़ाम था। नबूव्वत करना या’नी ख़ुदा का पैग़ाम सुनाना।
- नबूव्वत हमेशा होने वाले हादसों का बयान था।
- पुराने ‘अहद नामे की बहुत से नबूव्वतें पूरी हो चुकी हैं।
- किताब-ए-मुक़द्दस में नबियों के ज़रिये’ लिखी गई किताबों को पेशेनगोई कहा गया है।
- मसलन , “शरी’अत और नबूव्वत” इब्रानी पाक कलाम के बारे में कहा जाता था जिसे पुराना ‘अहद नामा कहा जाता था।
- नबी के लिए इस्तेमाल पुराना लफ़्ज़ है, “पैग़म्बर ”।
- कभी-कभी यह झाड़ फूंक करनेवालों या झूठे नबियों के लिए भी काम में लिया जाता था।
तर्जुमे की सलाह:
- “नबी” का तर्जुमा किया जा सकता है, “ख़ुदा का बोलने वाला ” “ख़ुदा की तरफ़ से कहने वाला आदमी ” या “ख़ुदा का पैग़ाम सुनाने वाला आदमी ”।
- एक " नबी " का तर्जुमा "वह इन्सान जो रोया देखता है" या "वह इन्सान जो ख़ुदा से मुस्तक़बिल देखता है।"
- “नबीया ” लफ़्ज़ का तर्जुमा हो सकता हैं, “ख़ुदा की बोलने वाली ” या “ख़ुदा की ओर से कहनेवाली ‘औरत ” या “ख़ुदा का पैग़ाम सुनाने वाली ‘औरत ”।
- “नबूव्वतें ” के लिए तर्जुमे हो सकते हैं, “ख़ुदा का पैग़ाम” या “नबूव्वतें का ख़बर”
- मज़मून पर मुनहसिर “नबूव्वतें ” लफ़्ज़ का तर्जुमा होगा, “ख़ुदा का कलाम सुनाना” या “आने वाले वाक़ेयात के बारे में ख़ुदा का पैग़ाम पहुंचाना”।
- इस तमसीली कलाम “शरी’अत और नबी” का तर्जुमा हो सकता है “शरी’अत और नबियों की किताबें ” या “ख़ुदा के बने क़ानून और उसके नबियों के पैगामों के बारे में सब लिखी बातें”
- जब एक झूठे मा’बूदों के नबी (या दूर अंदेश) का जिक्र करते हैं, तो इसका मतलब "झूठे नबी (दूर अंदेश )" या "झूठे मा’बूदों के नबी (दूरअंदेश )" या "बा’ल के नबी" की शक्ल में तर्जुमा किया जा सकता है, मिसाल के लिए ।
(यह भी देखें: बा’ल, नबूव्वत, झूठे मा’बूद, झूठे नबी, पूरा करना, क़ानून, रोया)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- 1 थिस्सलुनीकियों 02:14-16
- रसूलों के आमाल . 03:24-26
- यूहन्ना 01:43-45
- मलाकी 04:4-6
- मत्ती 01:22-23
- मत्ती 02:17-18
- मत्ती 05:17-18
- ज़ुबूर 051:1-2
किताब-ए-मुक़द्दस कहानियों से मिसालें:
- 12:12 जब इस्राईलियों ने देखा कि मिस्र के लोग मारे गए है, तो उन्होंने ख़ुदा पर भरोसा किया और यक़ीन करने लगे कि मूसा ख़ुदा का एक नबी है।
- 17:13 दाऊद ने जो कुछ भी किया उसे लेकर ख़ुदा का ग़ज़ब उस पर भड़का, ख़ुदा ने नातान नबी ज़रिए’ दाऊद को कहलवा भेजा कि उसके गुनाह कितने बुरे है |
- 19:01 इस्राईलियों के तारीख़ भर में, ख़ुदा ने बहुत से नबी भेजे | नबी ने ख़ुदा के पैग़ाम को सुना और फिर लोगों को ख़ुदा का पैग़ाम बताया |
- 19:06 इस्राईली बादशाहत के सभी लोगों समेत और बा’ल के साढ़े चार सौ 450 नबी कर्मेल पहाड़ पर इकट्ठा हुए |
- 19:17 ज़्यादातर वक़्त , लोगों ने ख़ुदा के क़ानूनों का माना नही. वे अक्सर नबी के साथ बुरा सुलूक करते थे और कभी-कभी उन्हें मार भी डालते थे
- 21:09 नबी यशायाह ने नबूव्वत की कि मसीहा एक कुंवारी से पैदा होगा।
- 43:05 "यह वह बात है जो योएल नबी के ज़रिए’कही गई थी जिसमे ख़ुदा कहता है कि, “आखीर के दिनों में ऐसा होगा कि मैं अपना रूह सब इन्सानों पर उँडेलूँगा |”
- 43:07 "लेकिन यह उस नबूव्वतों को पूरा करता है जो कहता है, 'आप कब्र में अपने पाक लोगों को सड़ने नहीं देगा।'"
- 48:12 मूसा एक बहुत बड़ा नबी था जिसने ख़ुदा के कलाम की मुनादी की थी | लेकिन ‘ईसा सबसे अज़ीम नबी है। वही ख़ुदा का कलाम है।
शब्दकोश:
- Strong's: H2372, H2374, H4853, H5012, H5013, H5016, H5017, H5029, H5030, H5031, H5197, G2495, G4394, G4395, G4396, G4397, G4398, G5578