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3.3 KiB

‘इल्म ग़ैब, ग़ैबबीन, फ़ालदेखना, फ़ालगीर

ता’र्रुफ़:

लफ़्ज़ “’इल्म ग़ैब” तथा “फ़ाल देखना” का मतलब लोग ख़ुदाई दुनिया में रूहों से मा’लूमात करने की कोशिश करने की मशक़ है। ऐसा काम करने वाले को “ग़ैबबीन” या “फ़ालगीर” कहते थे।

  • पुराने ‘अहदनामे के वक़्त, ख़ुदा ने इस्राईलियों को हुक्म दिया था कि ग़ैबबीनी और फ़ालगीरी की मश्क़ न करें|
  • ख़ुदा ने अपने लोगों को उरीम और तुम्मीम के इस्ते’माल करके उनसे मा’लूमात हासिल करने की को इजाज़त दी, ये दो पत्थर थे जिन्हें उसने इस मक़सद के लिए सरदार काहिन की तरफ़से इस्ते’माल किया था| लेकिन बदरूहों की मदद के ज़रिए’ मा’लूमात हासिल करने की इजाज़त नहीं दी|
  • बुतपरस्त ग़ैबबीन ने रूहानी दुनिया की मा’लूमात हासिल करने के लिए अलग क़िस्म के तरीक़ों का इस्ते’माल किया| * कभी वे एक मरे हुए जानवर के अंदरूनी हिस्सों की जाँच करते या जानवर की हड्डियों को ज़मीन पर फेंकते, ऐसे नमूने की तलाश करते है जो वह अपने झूठे मा’बूदों की पैग़ाम के तौर पर बयान करते हैं।
  • नए ‘अहद नामे में, ’ईसा और रसूलों ने भी ग़ैबबीनी, जादूगर, जादूगरी, और जादू इनकार किया है| और इन तमाम तरीक़ों में बुरी रूहों की ताक़त का इस्ते’माल करना, और ख़ुदा की मज़म्मत करना शामिल है|

(यह भी देखें: रसूल, झूठे मा’बूद, जादू, जादूगरी)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H1870, H4738, H5172, H6049, H7080, H7081, G4436