9.0 KiB
ख़ुदा का कलाम,ख़ुदा के कलामों ,यहोवा का कलाम ,ख़ुदावन्द का कलाम ,पाक कलाम ,किताब-ए-मुक़द्दस
ता’अर्रुफ़:
किताब-ए-मुक़द्दस में “ख़ुदा का कलाम ” उन सभी चीजों को बयान करता है जो ख़ुदा ने लोगों को बताया था। इसमें बोले गए और लिखे हुए पैग़ाम शामिल हैं। ‘ईसा को भी “ख़ुदा का कलाम ” कहा गया है।
“पाक कलाम ” का मतलब है “लिखा ”। नये .अहद नामे में “पाक कलाम ” का बयान इब्रानी किताब-ए-मुक़द्दस या पुराना ‘अहद नामे से है। ये लेख ख़ुदा वन्द का पैग़ाम है जो उसने इन्सानों से लिखने को कहा कि मुस्तक़बिल में पढ़ा जा सके।
- इससे मुन्सलिक़ लफ़्ज़ है, “यहोवा का कलाम ” या “ख़ुदावंद का कलाम ” आमतौर पर ख़ुदा के ख़ास पैगामों के बारे में है जो किसी नबी या किसी आदमी को दिया गया।
- कभी-कभी केवल यही लिखा है, “कलाम ” या “मेरा कलाम ” या “तेरा कलाम ” (ख़ुदा के कलाम के बारे में)
- नये ‘अहद नामे में ‘ईसा को “कलाम ” या “ख़ुदा का कलाम ” कहा गया है। इन ‘ओहदों का मतलब है कि ‘ईसा खुदा को पूरी तरह ज़ाहिर करता है क्योंकि वह ख़ुद ख़ुदा है।
“कलाम की सच्चाई “का मतलब है की एक और तरीक़ा यह है की ख़ुदा के कलाम का हवाला देते हुए जो उस का ‘पैग़ाम “या “तदरीस “है यह सिर्फ़ एक लफ़्ज़ का हवाला नहीं देता है |
- ख़ुदा का सच्चा वा’दा सब के लिए है उस की तखलीक और ‘ईसा के ज़रिये’ नजात का मन्सूबा बनाया |
- तम्सीली मतलब “लफ़्ज़ों” ये हकीक़त पर ज़ोर देता है कि ख़ुदा ने हम से क्या कहा है ,वह सच्चा ,वफ़ादार और हक़ीक़ी है |
तर्जुमे की सलाह
-
मज़मून के मुताबिक़ इस लफ़्ज़ के तर्जुमे के तरिके है, “यहोवा का पैग़ाम था” “ख़ुदा का पैग़ाम ” या “ख़ुदा की ता’लीमें ”
-
कुछ ज़बानों में इसका जमा’ ज़्यादा इखलाकी होगा, “ख़ुदा के कलाम ” या “यहोवा के कलाम ”
-
“यहोवा का कलाम पहुंचा” यह कलाम हमेशा खुदा के ज़रिये’ नबुव्वतों या इन्सानों को दिए गए पैग़ाम का शुरू’आत ज़ाहिर करती हैं। इसका तर्जुमा इस तरह किया जा सकता है, “यहोवा ने यह पैग़ाम दिया” या “ख़ुदा ने ये कलाम कहे”।
-
“किताब-ए-मुक़द्दस” या “पाक कलामों ” का तर्जुमा “लेखे” या “ख़ुदा के लिखे पैग़ाम” की शक्ल में किया जा सकता है। इस आयत का तर्जुमा " लफ़्ज़ " से अलग तरह से किया जाना चाहिए।
-
जब " लफ़्ज़ " अकेला होता है और यह ख़ुदा के कलाम को ज़ाहिर करता है, इसका तर्जुमा " पैग़ाम " या " ख़ुदा का लफ़्ज़ " या "ता’लीमों " की शक्ल में किया जा सकता है। मुन्दर्जा ज़ेल सलाह के मुताबिक़ तर्जुमो पर भी ध्यान दें।
-
जब किताब-ए-मुक़द्दस ‘ईसा को "लफ़्ज़" के तौर पर हवाला देती है, तो इस लफ़्ज़ का तर्जुमा "पैग़ाम " या "सच " की शक्ल में किया जा सकता है।
-
सच्चाई का कलाम “खुदा का सच्चा पैग़ाम है खुदा का लफ़्ज़ का तर्जुमा किया जा सकता है |
-
यह बहुत ज़रूरी तर्जुमे के लिए की सच्चाई के मतलब को शामिल करें |
(यह भी देखें: नबी, कलाम, यहोवा)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- पैदाइश 15:1-3
- 1 सलातीन 13:1-3
- यरमियाह 36:1-3
- लूका 08:11-13
- यूहन्ना 05:39-40
- रसूलों के 'आमाल 06:2-4
- रसूलों के 'आमाल 12:24-25
- रोमियो 01:1-3
- 2 कुरन्थियूस 06:4-7
- इफीसियों 01:13-14
- 2 तीमुथियूस 03:16-17
- याक़ूब 01:17-18
- या'क़ूब 02:8-9
किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसाले:
- 25:07 ख़ुदा के कलाम __ में वह अपने लोगों को हुक्म देता है कि 'तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की इज़्ज़त कर, और केवल उसी की ‘इबादत कर।’”
- 33:06 तब ‘ईसा ने उन्हें समझाया कि, “बीज __ख़ुदा का कलाम __ है ।
- 42:03 फिर ‘ईसा ने उन्हें समझाया कि __ख़ुदा का कलाम __ मसीहा के बारे में क्या कहता है
- 42:07 ‘इसा ने कहा, जो बाते मैंने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम्हे बताई थी कि __ख़ुदा के कलाम __ में जो कुछ भी मेरे बारे में लिखा है वह सब पूरा होगा।" तब उसने __पाक कलाम __ समझने के लिये उनकी अक्ल खोल दी।
- 45:10 फिलिप्पुस ने और __किताबों __ का भी इस्तेमाल करके उसे ‘ईसा की ख़ुश ख़बरी सुनाया।
- 48:12 लेकिन ‘ईसा सबसे अज़ीम नबी है। वह __ ख़ुदा का कलाम __ है।
- 49:18 ख़ुदा कहता है कि हम दुआ’ करें, उसका __कलाम __ पढ़ें, और मसीही लोगों के साथ उसकी ‘इबादत करें, और जो उसने हमारे लिए किया है वह दूसरों को बताएँ।
शब्दकोश:
- Strong's: H561, H565, H1697, H3068, G3056, G4487