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दुःख देने, सताया, अंधेर करना, दुःख देनेवालों

सच्चाई:

“दुःख देने” या’नी ज़्यादा तकलीफ़ देना। किसी को दुःख देने का मतलब है बेरहमी से सताना।

  • कभी-कभी दुःख देने का बयान जिस्मानी तकलीफ़ और हालत से होता है। मिसाल के लिए, मुकाश्फ़ा की किताब में जिस्मानी परेशानी का बयान किया गया है जो "जानवर " की इबादत करने वाले को आखीर वक़्त में सहना पड़ेगा।
  • तकलीफ़ रूहानी और दिमाग़ी हालत भी होती है जैसा अय्यूब के साथ था।
  • मुकाश्फ़ा की किताब के मुताबिक़ ‘ईसा में यक़ीन नहीं करनेवालों को आग की झील में रूहानी हमेशा की तकलीफ़ सहनी होगी।
  • इस लफ़्ज़ का तर्जुमा , “बेहद तकलीफ़” या “ज़्यादा तकलीफ़ ” या “परेशानी ” हो सकता है। कुछ तर्जुमे में ज़ाहिरयत के लिए “जिस्मानी ” या “रूहानी ” लफ़्ज़ को इसके साथ जोड़ दिया जाता है।

(यह भी देखें: जानवर, हमेशा , अय्यूब, नजात दहिन्दा , रूह , दुख उठाना, इबादत )

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H3013, G928, G929, G930, G931, G2558, G2851, G3600