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6.2 KiB

दुःख उठाए, मुसीबत उठाना, तकलीफ़ उठाया, परेशानी उठता, दुःख उठाता

ता'अर्रुफ़:

“दुःख उठाए” और “ मुसीबत उठाना” का मतलब है दुःख का तजुर्बा जैसे बीमारी, मुसीबत जदह या दूसरी परेशानियाँ ।

  • जब लोगों को परेशान किया जाता है या जब वह बीमार होते हैं तब उन्हें तकलीफ़ होती है।
  • कभी-कभी लोग ग़लत कामों की वजह से भी तकलीफ़ उठाते हैं, कभी-कभी दुनिया में गुनाह और मर्ज़ की वजह से इन्सान तकलीफ़ उठाता है।
  • तकलीफ़ जिस्मानी भी होती है जैसे दर्द और मर्ज़ । जज़्बाती तकलीफ़ भी होती है जैसे डर, उदासी या अकेलापन।
  • “मुझे बर्दाश्त करो ” या'नी “मेरे साथ सब्र दार रहो” या “मेरी बात सुनो” या “सब्र के साथ सुनो”।

(तर्जुमा की सलाह:

  • “ तकलीफ़ उठाना” का तर्जुमा “दर्द का तजुर्बा करना” या “मुश्किल और तकलीफ़ का तजुर्बा करना” या "मुश्किल और दर्दनाक तजुर्बों के ज़रिए' जाना"।
  • बयान के तौर पर, "दर्द" का तर्जुमा "इन्तिहाई मुश्किल हालात " या "बहुत बड़ी मुश्किलों " या "मुश्किलात का तजुर्बा " या "दर्दनाक तजुर्बों का वक़्त" के तौर में किया जा सकता है।
  • “प्यास लगना” का तर्जुमा “प्यासा होना” या “प्यास की वजह परेशान होना” हो सकता है”।
  • “दुःख बर्दाश्त ” का तर्जुमा “दुःख का शिकार होना” या “दुःख कामों से नुक़सान उठाना”

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसालें:

  • 09:13 ख़ुदावन्द ने कहा, “मैं ने अपनी रि'आया के लोग जो मिस्र में है उनके तकलीफ़ को मैंने देखा है |”
  • 38:12 ‘ईसा ने तीन बार दु'आ की कहा, “ऐ मेरे बाप, अगर हो सके तो इस दुःख के कटोरे में से मुझे पीने मत देना |
  • 42:03 उसने(ईसा) उन्हें नबियों ने जो कहा था याद दिलाया कि मसीह दुःख उठाएगा और मारा जाएगा और फिर तीसरे दिन जी उठेगा |
  • 42:07 उसने(‘ईसा) कहा कि, “लिखा है कि मसीह दुःख उठाएग, मारा जायेगा और तीसरे दिन मरे हुओ में से जी उठेगा |”
  • 44:05 अगर्चे तुम्हे नहीं मा'लूम था कि क्या करते हो, लेकिन ख़ुदावन्द ने तुम्हारे कामो का इस्तेमाल किया नबियों को पूरा करने के लिए, कि उसका मसीह दुःख उठाएगा, और मारा जाएँगा |
  • 46:04 ख़ुदा ने कहा, "तू चला जा क्यूँकि वह तो ग़ैर क़ौमों और बादशाहों के सामने मेरा नाम ज़ाहिर करने के लिये मेरा चुना हुआ वसीला है | और मैं उसे बताऊँगा कि मेरे नाम के लिये उसे कैसा कैसा दुःख उठाना पड़ेगा |”
  • 50:17 वह हर आँसू पोंछ देगा और फिर वहाँ कोई दुख़, उदासी, रोना, बुराई, दर्द, या मौत नहीं होगी |

शब्दकोश:

  • Strong's: H943, H1741, H1934, H4342, H4531, H4912, H5142, H5254, H5375, H5999, H6031, H6040, H6041, H6064, H6090, H6770, H6869, H6887, H7661, G91, G941, G971, G2210, G2346, G2347, G3804, G3958, G4310, G4778, G4841, G5004, G5723