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मुक़र्रर, मुक़र्ररा, ‘आम, मुक़र्रर
ता’अर्रुफ़:
मुक़र्रर करने का मतलब है किसी ख़ास काम या किरदार के लिए किसी इन्सान को फ़ौरी तौर पर मुक़र्रर करना| इसका मलतब फ़ौरी तौर पर कानून या हुक्म भी हो सकता है।
- लफ़्ज़ "मुक़र्रर" का हवाला अक्सर काहिन, ख़ादिम या उस्ताद मुक़र्रर करने फ़ौरी ‘अमल से भी है।
- मिसाल के तौर पर, ख़ुदा ने हारून और उसकी नसलों को काहिन होने के लिए मुक़र्रर किया है।
- इसका मतलब रखना या क़ायम करना भी है, जैसे कोई मज़हबी दा’वत या ‘अहद ।
- मज़मून पर मुनहस्सिर, “मुक़र्रर करना” का तर्जुमा हो सकता है” काम-काज़ सौंपना” या “ठहराना” या “हुक्म देना” या “कानून बनाना ” या “क़ायम करना”।
(यह भी देखें: हुक्म, ‘अहद, हुक्म, कानून, शरी’अत, काहिन
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H3245, H4390, H4483, H6186, H6213, H6466, H6680, H7760, H8239, G1299, G2525, G2680, G3724, G4270, G4282, G4309, G5021, G5500