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फ़ैसला, फ़ैसलों, फ़ैसला दिया
ता’रीफ़:
फ़ैसला एक ‘ऐलान या क़ानून है जो अवामी तौर से सुनाया जाता है।
- ख़ुदा के कवानीन को भी फ़ैसला, कानून और फ़रमान कहते हैं।
- कवानीन और फ़रमानों की तरह फ़ैसलों का भी मानना होता है।
- इन्सानी हाकिम के ज़रिए’ ज़ारी फ़रमान फ़ैसले की मिसाल है, क़ैसर ऑगुस्तुस का फ़ैसला था की रोमी हुकूमत में हर एक इन्सान अपनी पैदाइश की ज़गह जाकर मर्दुमशुमारी करवाए।
- फ़ैसले का मतलब है हुक्म देना जिसका मानना करना ज़रूरी है। इसका तर्जुमा इस तरह भी किया जा सकता है “फ़ैसला” या “फ़रमान”या “ज़ाती तौर पर ज़रूरी” या “अवामी तौर पर एक कानून बनाना”
- जो कुछ “फ़ैसला किया है” वह ज़रूर होगा इसका मतलब यह है “ज़रूर ज़रूर होगा” या “जो फ़ैसला किया गया है और वह नहीं बदलेगा” या “ पक्का ‘ऐलान किया है कि यही होगा”
(यह भी देखें: हुक्म, ‘ऐलान करना, क़ानून, ‘ऐलान करना)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- 1 तवारीख़ 15:13-15
- 1 सलातीन 08:57-58
- रसूलों के ‘आमाल 17:5-7
- दानिएल 02:12-13
- आस्तर 01:21-22
- लूक़ा 02:1-3
शब्दकोश:
- Strong's: H559, H633, H1697, H5715, H1504, H1510, H1881, H1882, H1696, H2706, H2708, H2710, H2711, H2782, H2852, H2940, H2941, H2942, H3791, H3982, H4055, H4406, H4941, H5407, H5713, H6599, H6680, H7010, H8421, G1378