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‘ऐलान करना, ‘ऐलान किया, मुबल्लिग़ , वा’ज़ करने वाला ,मुनादी की ,मुनादी किया
ता’अर्रुफ़:
लोगों से बातें करना, उन्हें ख़ुदा के बारे में ता’लीम देना और ख़ुदा के हुक्मों को मानने के लिए अमादा करना। 'ऐलान 'का मतलब हमेशा लोगों में खुलकर बोलते हैं |
- ‘ऐलान हमेशा एक इंसान के ज़रिये’ लोगों में किया जाता है। ‘ऐलान बोलकर किया जाता है, लिखकर नहीं।
- “’ऐलान” और “ता’लीम ” एक जैसी बात है लेकिन एक सी नहीं हैं।
- “’एलान ” या’नी रूहानी या सच्चाई की बातें करना और सामईन से जवाब की गुज़ारिश करना। “ता’लीम ” में किसी ख़ास लफ़्ज़ पर ज़ोर दिया जाता है, या’नी आदमियों को ख़बर देना या उन्हें तरबियत देना की उन्हें कैसे काम करना है।
- “’ऐलान ” ज़्यादातर “ख़ुशख़बरी ” के साथ किया जाता है।
- मुबल्लिग़ आदमियों में ‘ऐलान करता है तो उसे आमतौर पर उसकी “तरबियत ” कहते हैं।
- अक्सर किताब-ए-मुक़द्दस में ख़ुदा का हुक्म दिया गया है कि खुदा के बारे में ‘ऐलान करने के लिए ,या ख़ुदा के बारे में दूसरों को बताना और कैसे बहुत अच्छा ‘एलान करने का मतलब है |
- नये ;अहद नामे में ,रसूलों ने बहुत से अलग अलग शहरों और इलाक़ों ,में जाकर ‘ईसा की ख़ुशख़बरी का ‘ऐलान किया |
- ”’ऐलान”लफ़्ज़ के मा’नी बादशाहों की तरफ़ से बताया गया है या आम तौर पर बुराई की मज़म्मत करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है |
- “’ऐलान “में शामिल करने के दूसरे तरीक़ों में “’ऐलान”या “खुली तबलीग़”या “आम तौर पर ‘ऐलान” करना शामिल हो सकता है |
- तमसीली मतलब “’ऐलान “को भी “मुनादी “या लोगों में ख़ुश ख़बरी बताना”के तौर पर इसका तर्जुमा किया जा सकता है |
(यह भी देखें: ख़ुशख़बरी , ‘ईसा , ख़ुदा की बादशाहत )
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में :
- 2 थिमोती 04:1-2
- रसूलों के आमाल 08:4-5
- रसूलों के आमाल 10:42-43
- रसूलों के आमाल 14:21-22
- रसूलों के आमाल 20:25-27
- लूका 04:42-44
- मत्ती 03:1-3
- मत्ती 04:17
- मत्ती 12:41
- मत्ती 24:12-14
- रसूलों के आमाल 09:20-22
- रसूलों के आमाल 13:38-39
- यूहन्ना 03:1-3
- लूका 04:18-19
- मरकुस 01:14-15
- मत्ती 10:26-27
किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसाल:
- 24:02 यूहन्ना ने उनसे कहा, “तोबा करो क्योंकि ख़ुदा की बादशाही नजदीक आ गई है !”
- 30:01 ‘ईसा ने ’ऐलान करने के लिए और कई अलग- अलग में शहरों में लोगों को सिखाने के लिए अपने शागिर्दों को भेजा।
- 38:01 ‘ईसा मसीह के अवामी ता’लीमों के तीन साल बाद अपनी पहली ता’लीम शुरू किया। ‘ईसा ने अपने शागिर्दों से कहा कि वह यरूशलीम में उनके साथ फसह का जश्न मनाना चाहता था, और यह वही जगह है जहाँ उसे मार डाला जाएगा।
- __45:06__इसके बा’द , जहा कही भी वह गए, हर जगह ‘ईसा मसीह का ’ऐलान करते रहे|
- 45:07 वह सामरिया शहर में गया और वहा लोगों को ‘ईसा के बारे में बताया और बहुत से लोगों बचाए गए |
- __46:06__फ़ौरन ही, शाऊल दमिश्क़ के यहूदियों से ’ करने लगा कि, "’ईसा ही ख़ुदा का बेटा है!"
- 46:10 फिर कलीसिया ने उन्हें कई और जगहों में ‘ईसा के बारे में ’ऐलान करने के लिये भेज दिया |
- 47:14 पौलुस और और मसीही रहनुमाओं ने कई शहरों में ‘ईसा का ’ऐलान किया और लोगों को ख़ुदा के कलाम की ता’लीम दी।
- 50:02 जब ‘ईसा ज़मीन पर रहता था तो उसने कहा, "मेरे शागिर्द दुनिया में हर जगह लोगों को ख़ुदा की बादशाहत के बारे में ख़ुशख़बरी का ’ऐलान करेंगे, और फिर क़यामत आ जाएगी ।"
शब्दकोश:
- (for proclaim): H1319, H1696, H1697, H2199, H3045, H3745, H4161, H5046, H5608, H6963, H7121, H7440, H8085, G518, G591, G1229, G1861, G2097, G2605, G2782, G2784, G2980, G3142, G4135