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काहिन , काहिनो , काहिन ‘ओहदा

ता’अर्रुफ़:

किताब-ए -मुक़द्दस में काहिन ख़ुदा के लोगों की ओर से ख़ुदा के लिए अदा करने वाले चढ़ावे के लिए चुना गया शख़्स “काहिन का ‘ओहदा ” उसके ‘ओहदे या उसकी ख़िदमत का नाम है।

  • पुराने ‘अहद नामे में ख़ुदा ने हारून और उसकी नसल को इस्राईल के लिए काहिन होने के लिए चुना था।
  • “काहिन का ‘ओहदा ” एक इख्तियार और ज़िम्मेदारी का था जो लेवियों के क़बीलों में बाप से बेटे को प् लेना होता था।
  • इस्राईल के कहिनो की ज़िम्मेदारी थी कि वे आदमियों के ज़रिये लायी गई क़ुर्बानी ख़ुदा कोपेश करें , इसके साथ हैकल के और काम की भी उनकी ज़िम्मेदारी थी
  • काहिन रोज़ दुआएं भी ख़ुदा को पेश करते थे और मज़हबी कामों को पूरा करते थे।
  • काहिन आदमियों को पूरी दुआ भी देते थे और उन्हें ख़ुदा की शरी’अत के बारे में सिखाते थे।
  • ‘ईसा के जमाने में काहिनों के अलग-अलग दर्जे थे जिनमें हाकिम काहिन और सरदार काहिन भी थे।
  • ‘ईसा हमारा “बड़ा सरदार काहिन ” है जो ख़ुदा की हुज़ूरी में हमारे लिए मिन्नत करता है। उसने ख़ुद को गुनाह की आख़िरी क़ुर्बानी करके पेश कर दिया। इसका मतलब है कि काहिनों के ज़रिये पेश की गयी क़ुर्बानी की अब ज़रूरत नहीं है।
  • नये ‘अहद नामे में ‘ईसा का हर एक ईमानदार “” कहा गया है, वह ख़ुद के लिए और इन्सानों के लिए मिन्नत करने के लिए सीधा ख़ुदा के पास आ सकता है।
  • पुराने ज़माने में ग़ैर क़ौमों के भी इबादत गार थे जो झूठे मा’बूद को क़ुर्बानी पेश करते थे, जैसे बा’ल देवता को।

तर्जुमे की सलाह:

  • तर्जुमे के मुताबिक़ “काहिन” का तर्जुमा “क़ुर्बानी पेश करने वालाआदमी ” या “ख़ुदा का ख़ास ” या “क़ुर्बानी चढ़ाने वाला ख़ास ” या “ख़ुदा के ज़रिये उसकी रहबरी करने के लिए मुक़र्ररइन्सान ”।
  • “काहिन” का तर्जुमा “बीच ” के तर्जुमे से अलग होना है।
  • कुछ तर्जुमों में हमेशा कहा जाता है, “इस्राईली काहिन” या “यहूदी काहिन ” या “यहोवा का काहिन ” या “बा’लका आबिद ” कि तय किया जाए कि वे आज के आबिदों की तरह नहीं थे।
  • “काहिन” लफ़्ज़ का तर्जुमा करने के लिए आया लफ़्ज़ “हाकिम काहिन ” और “सरदार काहिन ” और “लेवीय” और “नबी ” से अलग होना चाहिए।

(यह भी देखें: हारून, हाकिम काहिन , सरदार काहिन , बीच , क़ुर्बानी )

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसालें:

  • 04:07"मलिकिसिदक, अज़ीम ख़ुदा के काहिन "
  • 13:09 जो कोई भी ख़ुदा के क़ानूनों की नाफ़रमानी करता है, वह सुलह के ख़ेमे के सामने क़ुर्बानगाह पर ख़ुदा के लिये जानवर की क़ुर्बानी चढ़ाएगा | एक काहिन जानवर को मारकर उसे क़ुर्बानगाह पर जलाएगा | एक काहिन जानवर को मारकर उसे क़ुर्बानगाह पर जलाएगा | उस जानवर का ख़ून जिसकी क़ुर्बानी चढ़ाई गई है, ख़ुदा की निगाह में गुनाहगार आदमी के सभी जुर्मों को धो देंगा | ख़ुदा ने मूसा के भाई हारून और हारून की नसल को काहिन ‘ओहदे के लिये चुना |
  • 19:07 तब बा’ल के याजकों ने उस बछड़े को जो उन्हें दिया गया था, लेकर क़ुर्बानी के लिए तैयार किया, लेकिन उमसे आग न लगाई
  • __21:07काहिन वो है जो लोगों के जगह पर ख़ुदा के लिए क़ुर्बानी पेश करता है, जिससे कि ख़ुदा उनके गुनाहों की वजह से उन्हें सज़ा न दे | काहिन ख़ुदा से लोगों के लिए दुआ’ भी करते थे |

शब्दकोश:

  • Strong's: H3547, H3548, H3549, H3550, G748, G749, G2405, G2406, G2407, G2409, G2420