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‘अज़्रा
सच्चाई:
एक यहूदी काहिन था और यहूदाह के क़ानून में माहिर था, उसने बाबुल से यरूशलीम लौटने वाले इस्राईलियों की ता'रीख़ लिखी थी । इस्राएल 70 साल बाबुल की जलावतन में था।
- ‘अज़्रा ने यह ता'रीख़ किताब-ए-मुक़द्दस के ‘अज़्रा नाम की किताब में लिखा है। नहमियाह नाम की किताब भी उसी ने लिखी होगी क्योंकि अस्ल में ये दोनों किताबें एक ही थी।
- यरूशलीम लौटकर उसने शरी’अत को दुबारह लागू किया था, क्योंकि उन्होंने सब्त के क़ावानीन पर 'अमल करना छोड़ दिया था और ग़ैर क़ौम 'औरतों से जो बुत परस्त थी, शादी कर लिया था।
- ‘अज़्रा ने हैकल को दुबारह बनाने में भी मदद की थी जिसे बाबुल की फ़ौज ने यरूशलीम पर क़ब्जा करते वक़्त तबाह कर दिया था।
- पुराने 'अहद नामें में ‘अज़्रा नाम के दो आदमी हुए हैं।
(तर्जुमा की सलाह: नामों का तर्जुमा कैसे करें)
(यह भी देखें: बाबुल, जलावतनी, यरूशलीम, क़ानून, नहमियाह, हैकल )
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H250, H5830, H5831, H5834