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4.4 KiB

बच्चे ,बच्चा

ता’अर्रुफ़:

किताब-ए-मुक़द्दस में “बच्चा” लफ़्ज़ अक्सर बच्चे के लिए काम में लिया गया है ,छोटी ‘उम्र के लिए भी इसका इस्ते’माल किया गया है | “बच्चे” जमा’ है और इसके तम्सीली इस्ते’माल भी हैं |

किताब-ए-मुक़द्दस में शागिर्दों या इमानदारों को भी कभी कभी “बच्चे” कहा गया है |

  • ”बच्चे” लफ़्ज़ कभी कभी नस्लों के लिए भी इस्ते’माल किया गया है |

  • ”की बच्चे “का मतलब किसी बात की ख़ासियत ज़ाहिर करने से भी होता है | इसकी कुछ मिसाल हैं :

  • रोशनी की औलाद

  • हुक्म मानने वाली औलाद

  • शैतान की औलाद

  • यह लफ़्ज़ रूहानी बेटे /बेटियों के बारे में आता है | मसलन ,”खुदा के बेटे “या ‘ईसा में ईमान रखने की वजह से ख़ुदा के लोग |

तर्जुमे की सलाह:

“औलाद “ का तर्जुमा “नसल”किया जा सकता है जब इसका बयान किसी के पोते-परपोतों से हो |

  • ”मज़मून के मुताबिक़ “की औलाद “का तर्जुमा “की सिफ़त रखने वाले लोग “ या “के जैसा बर्ताव करने वाले लोग “भी किया जा सकता है |
  • अगर मुमकिन हो तो “ख़ुदा की औलाद “को ज्यों का त्यों रखा जाये क्यूँकि किताब-ए-मुक़द्दस का एक ख़ास मज़मून है ,ख़ुदा हमारा आसमानी बाप है | इसका मुमकिन इख़्तियारी तर्जुमा हो सकता है ,”ख़ुदा के लोग “या “ख़ुदा की रूहानी औलाद “|
  • ’ईसा अपने शागिर्दों को “औलाद कहता है तो इसका तर्जुमा “प्यारे दोस्तों” या “मेरे प्यारे शागिर्दों “हो सकता है |
  • जब पौलुस और यूहन्ना ‘ईसा के ईमानदारों को “बच्चों कहते हैं तो इसका तर्जुमा “प्यारे ईमानदार साथियों”हो सकता है |
  • ”वा’दा” की औलाद’ का तर्जुमा हो सकता है “ख़ुदा के वा’दे को पाए हुए लोग “|

(यह भी देखें: नसलें, वा’दा बेटा, रूह, ईमान, प्यारे

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H1069, H1121, H1123, H1129, H1323, H1397, H1580, H2029, H2030, H2056, H2138, H2145, H2233, H2945, H3173, H3205, H3206, H3208, H3211, H3243, H3490, H4392, H5271, H5288, H5290, H5759, H5764, H5768, H5953, H6185, H7908, H7909, H7921, G730, G815, G1025, G1064, G1471, G3439, G3515, G3516, G3808, G3812, G3813, G3816, G5040, G5041, G5042, G5043, G5044, G5206, G5207, G5388