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बेटे, बेटों

ता’अर्रुफ़:

एक आदमी और एक 'औरत का बेटा उसके पूरी ज़िन्दगी के लिए उनका "बेटा" कहलाता है उसे उस आदमी का बेटा और उस 'औरत का एक बेटा भी कहा जाता है एक "गोद लिया बेटा" एक आदमी है जिसे क़ानूनी शक्ल से एक बेटे के'उहदे में रखा गया है।।

  • कलाम में “बेटा” लफ़्ज़ हमेशा 'अलामती शक्ल में किसी भी शख़्स की औलाद के बारे में इस्ते'माल किया गया है। जैसे पोता या परपोता
  • “बेटा” लफ़्ज़ को जुमले में किसी लड़के या आदमी से कम उम्र के शख़्स के लिए इस्ते'माल किया जा सकता है।
  • “नए 'अहद नामे में ख़ुदा के बेटे” मसीह के ईमानदारों के बारे में इस्ते'माल किया गया है।
  • ख़ुदा ने इस्राईल को अपना "पहलौठ बेटा" कहा। यह इस्राईल मुल्क को ख़ुदा के ज़रिए' ख़ास लोगों की शक्ल में चुनने के बारे में है। यह उनके ज़रिए' ख़ुदा की नजात या नजात का पैग़ाम आया, जिसके नातीजे के साथ कि दूसरे लोग उसकी रूहानी औलाद बन गए।
  • “का बेटा” का रूहानी शक्ल में हमेशा एक मतलब होता है कि “ शख़्स में किसी की ख़ासियत” हैं। इसकी मिसाल है, “रोशनी की औलाद”, “फ़रमाबरदारी की औलाद ”, “ अमन का बेटा” “गर्ज के बेटे”।
  • "बेटा" इस जुमले का इस्ते'माल हमेशा यह ज़ाहिर करने के लिए भी किया जाता है कि मा'लूम हो की इस शख़्स का बाप कौन है। यह अलफ़ाज़ 'औलादों और कई मक़ामों में भी काम में लिए गए हैं ।
  • बाप का नाम रोशन करने के लिए” “का बेटा” ज़्यादातर एक ही नाम के लोगों को एक दूसरे से अलग बयान करने के लिए काम में लिया जाता है। मिसालके तौर पर , सदूक का बेटा अजरियाह” और “नातन का बेटा अजरियाह -1 बादशाह 4 और 2 बादशाह 15 में “अमसियाह का बेटा अजरियाह ।

तर्जुमा की सलाह:

  • इस लफ़्ज़ के बारे में ज़्यादातर 'अलामती ज़बान के उसी लफ़्ज़ को काम में लिया जाए जो “बेटा” के लिए काम आता है।
  • “ ख़ुदा का बेटा” जुमले का तर्जुमे में “बेटा” के लिए जिस लफ़्ज़ का इस्ते'माल 'आमतौर पर किया जाता है, उसी का इस्ते'माल करें।
  • जब “बेटा” की जगह में किसी औलाद को ज़ाहिर किया जाता है तब “औलाद” लफ़्ज़ का इस्ते'माल किया जाए जैसे 'ईसा को दाऊद की औलाद कहा जाता था। या औलादों में भी जहां “बेटा” लफ़्ज़ किसी औलाद का इन्कार कराता है।
  • कभी-कभी “बेटों” का तर्जुमा “औलाद ” किया जा सकता है, जब मर्द-’औरत दोनों को एह साथ ज़िक्र किया जा रहा हो। मिसाल के तौर पर “ख़ुदा का बेटा” का तर्जुम, “ख़ुदा की औलाद” किया जा सकता है क्यूँकि इसमें मर्द-’औरत दोनों को एक साथ ज़िक्र किया जा है।
  • ‘अलामती शक्ल में, “का बेटा” का तर्जुमा इस तरह भी किया जा सकता है, “जिसमें ख़ासियत हैं” या “की शक्ल ” या “में ख़ासियत हैं” या “की तरह सुलूक है”

(यह भी देखें: अजरियाह, औलाद, बुजुर्गों, पहलौठा, ख़ुदा का बेटा, ख़ुदा का बेटा।)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसालें:

  • 04:08 ख़ुदावन्द ने अब्राम से 'अहद के साथ फिर से बात की कि उसे एक बेटा होगा और आसमान में तारे की तरह में कई नसल होंगी ।
  • 04:09 ख़ुदावन्द ने कहा, "मैं तुमको तुम्हारे शरीर से एक बेटा दूँगा।"
  • 05:05 तक़रीबन एक साल बा'द, जब इब्राहीम 100 साल का था और सारा 90 की , सारा ने इब्राहीम के बेटे को जन्म दिया।
  • __05:08__जब वह क़ुर्बानी की जगह पर पहुंच गए, तो इब्राहीम ने अपने बेटे इस्हाक़ को बांध दिया और उसे क़ुर्बानगाह पर रख दिया। वह अपने बेटे को मारने ही पर था, जब ख़ुदावन्द ने कहा, "रुको! लड़के को चोट न पहुंचा! अब मुझे मा'लूम है कि तुम मुझ से डरते हो क्यूँकि तुमने मुझसे अपने बेटे को भी न रख छोड़ा।"
  • __09:07__जब उसने बच्चे को देखा, उसने अपने बेटे के गोद में ले लिया।
  • 11:06 ख़ुदावन्द ने मिस्र के सब पहलौठे बेटों को मार डाला।
  • __18:01__कई सालों के बा'द, दाऊद की मौत हो गई, और उसके __बेटा __ सुलैमान ने शासन शुरू किया।
  • 26:04"क्या यह यूसुफ़ बेटा है ?‚" उन्होंने कहा।

शब्दकोश:

  • Strong's: H1060, H1121, H1123, H1248, H3173, H3206, H3211, H4497, H5209, H5220, G3816, G5043, G5207