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ख़ेमा-ए-इज्तिमा’

सच्चाई:

लफ़्ज़ " ख़ेमा-ए-इज्तिमा’" एक ख़ेमे का हवाला देता है जो एक ग़ैर मुक़र्रर जगह थी जहां घर के सामने ख़ुदा ने मूसा से मुलाकात की थी।

  • ख़ुरूज की किताब में लिखा है कि ख़ेमा-ए-इज्तिमा’ इस्राईलियों की छावनी से बाहर था।
  • जब मूसा ख़ेमा-ए-इज्तिमा’ में ख़ुदा से मुलाकात करने जाता था तब बादलों का एक सुतून वहां हाज़िर होकर ख़ुदा की हुज़ूरी को ज़ाहिर करता था।
  • जब इस्राईलियों ने ख़ुदा के रहने के घर को बनाया, तो मुक़र्रर ख़ेमे की ज़रूरत नहीं थी और घर के बारे में " ख़ेमा-ए-इज्तिमा’" कभी-कभी इस्ते’माल किया जाता था।

(यह भी देखें: इस्राईल, मूसा, खंभा, ख़ेमा-ए-इज्तिमा’, ख़ेमा )

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसाल:

  • 13:08 ख़ुदा ने इस्राईलियों को ख़ेमा बनाने का तफ़सीली तज़किरह दिया | यह __ ख़ेमा-ए-इज्तिमा__ कहलाता था, और इसमें दो कमरे थे, जिन्हें एक बड़ा परदा अलग कर रहा था |
  • 13:09 जो कोई भी खुदा की शरी’अत की नाफ़रमानी करता है, वह __ ख़ेमा-ए-इज्तिमा__ के सामने क़ुर्बानगाह पर ख़ुदा के लिये जानवर की क़ुर्बानी पेश करेगा
  • 14:08 ख़ुदा बहुत ग़ुस्सा था , और ख़ुदा का जलाल __ ख़ेमा-ए-इज्तिमा__ में सब इस्राईलियों पर रोशन हुआ |
  • __18:02अब लोग __ ख़ेमा-ए-इज्तिमा’ की जगह पर उस घर में ख़ुदा की इबादत करते और क़ुर्बानी पेश करते थे |

शब्दकोश:

  • Strong's: H168, H4150