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2.3 KiB

गोदाम , ज़ख़ीरा

ता'अर्रुफ़:

"ज़ख़ीरा" अनाज और दूसरी चीज़ों को महफ़ूज़ रखने के लिए बनाये गए ख़ास घर ।

  • कलाम में “ज़ख़ीरा” हमेशा अनाज के 'अलावह और खाने की चीज़ों को मुस्तक़बिल के लिए महफ़ूज़ रखा जाता था, जब काल की वजह से खाने की कमी हो जाए।
  • यह लफ़्ज़ 'अलामती शक्ल में उन सब अच्छी चीज़ों के लिए भी काम में लिया जाता है जो ख़ुदा अपने लोगों को देना चाहता है।
  • हैकल के ज़ख़ीरे में क़ीमती चीजें थीं जो यहोवा के हवाले थीं, जैसे सोने और चांदी। हैकल में मरम्मत और रखरखाव करने के लिए इस्ते'माल की जाने वाली इनमें से कुछ चीजों को भी वहाँ रखा गया था।
  • “ज़ख़ीरा” लफ़्ज़ के दूसरे तर्जुमे हो सकते हैं “अनाज के ज़ख़ीरे का गोदाम” या “खाना रखने की जगह” या “क़ीमती चीज़ों को महफ़ूज़ रखने की जगह ”।

(यह भी देखें: \ बरकत देना](../kt/consecrate.md), क़ुबूल करना, काल, सोना, अनाज, चांदी, हैकल )

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H214, H618, H624, H4035, H4200, H4543, G596