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3.6 KiB

छोड़ना, छोड़ देना, छोड़ा हुआ, छोड़ना, ख़ारिज

ता’अर्रुफ़:

“इन्कार करना” का मतलब किसी आदमी या चीज़ को क़ुबूल करने से इन्कार करना।

  • “इन्कार” लफ़्ज़ का मतलब यह भी हो सकता है, कि किसी बात में ईमान नहीं करना।
  • ख़ुदा को छोड़ने का मतलब है उसके हुक्म मानने से इन्कार करना।
  • इस्राईलियों ने मूसा की रहनुमाई को क़ुबूल नहीं किया, इसका मतलब है कि वे उसके इख़्तियार की मुख़ालिफ़त कर रहे थे। वे उसके हुक्म मानना नहीं चाहते थे।
  • इस्राईलियों के ज़रिए’ बुतपरस्ती करने का मतलब था कि वे ख़ुदा को छोड़ रहे है।
  • इस लफ़्ज़ का मूल मतलब है, “धक्का देना”। दीगर ज़बानों में ऐसा ही इज़हार हो सकता है जिसका मतलब किसी चीज़ या इन्सान में ईमान करने का छोड़ देना या इन्कार करना।

तर्जुमे की सलाह

  • मज़मून पर मुनहस्सिर “छोड़ना” का तर्जुमा हो सकता है, “क़ुबूल नहीं करना” या “मदद करना रोक देना” “हुक्म मानने से इन्कार करना” या “हुक्म मानना छोड़ देना”।
  • इज़हार में “ मिस्रियों ने जिस पत्थर को छोड़ दिया था” या “तर्क कर दिया” या’नी “काम में नहीं लिया” या “क़ुबूल नहीं किया” या “फेंक दिया” या “निकम्मा जानकर काम में नहीं लिया”।
  • मज़मून में लोग, जो ख़ुदा के हुक्मों को छोड़ते हैं का तर्जुम “हुक्म मानने से इन्कार करना” या “हठ करके क़ुबूल न करना” की शक्ल में तर्जुमा हो सकता है।

(यह भी देखें: हुक्म, नाफ़रमानी, ‘अमल, ज़िद्दी

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H947, H959, H2186, H2310, H3988, H5006, H5034, H5186, H5203, H5307, H5541, H5800, G96, G114, G483, G550, G579, G580, G593, G683, G720, G1609, G3868