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6.4 KiB

सज़ा देना, सज़ा देने , सज़ा करने, सज़ा करने, सज़ा , बे सज़ा

ता’अर्रुफ़:

“सज़ा देना” लफ़्ज़ का मतलब है किसी ग़लत काम के इनकार का अन्जाम भुगतना “सज़ा” का मतलब है बुरे सुलूक का अन्जाम और इनकार का बर्ताव मिलना

  • सज़ा का मक़सद होता है कि इन्सान गुनाह करना छोड़ दे।
  • ख़ुदा इस्राईलियों को हुक्म अदूली की सज़ा देता था, ख़ास करके झूठे मा’बूद की इबादत की उनके गुनाहों की वजह से ख़ुदा उनके दुश्मनों को इजाज़त देता था कि वे उन पर हमला करके उन्हें क़ैदी बना लें।
  • ख़ुदा मुंसिफ़ और ईमानदार है इसलिए उसे गुनाह की सज़ा देना पड़ता है। हर एक इन्सान ने ख़ुदा के ख़िलाफ़ गुनाह किया है और सज़ा के लायक़ है।
  • ‘ईसा को हर एक इन्सान के सब बुरे कामों की सज़ा मिली उसने हर एक इन्सान की सज़ा अपने ऊपर ले लिया जबकि उसने तो कोई भी गलत काम नहीं किया था कि सज़ा पाए
  • “सज़ा न होना” या “बेक़ुसूर ठहराना” या’नी इन्सान को ग़लत काम की सज़ा न देना। ख़ुदा हमेशा गुनाह की सज़ा में देर करता है क्योंकि वह इन्सानों के ज़रिये तोबा का इन्तिज़ार करता है।

(यह भी देखें: सच्चा, तोबा , रास्तबाज़ , गुनाह )

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों सेमिसाले:

  • 13:07 ख़ुदा ने और भी बहुत सी शरी’अतों व क़ानूनों को मानने के लिये कहा। अगर लोग इन क़ानूनों को मानते रहेंगे, तो ख़ुदा ने वा’दा किया था कि वह उन्हें बरकत और उनकी हिफ़ाज़त करेगा। अगर वे इन क़ानूनों को नहीं मानेगे तो वह __ सज़ा __ के हक़दार बनेंगे।
  • 16:02 क्योंकि इस्राईल के लोग ख़ुदा की नाफ़रमानी करते रहे, उसने उन्हें अपने दुश्मनों को उन्हें हराने की इजाज़त देकर __ सज़ा __ दिया।
  • 19:16 नबियों ने लोगों को ख़बरदार किया कि, अगर उन्होंने बुरे काम करना बंद न किया, और ख़ुदा के हुक्मों को ना मानना शुरू’ न किया, तब ख़ुदा उन्हें मुजरिम ठहराएगा और उन्हें __सज़ा __ देगा |
  • 48:06 ‘ईसा सबसे अच्छा अज़ीम आलिम है क्योंकि उसने सभी इन्सानों के सभी गुनाहों की __ सज़ा __, जो उन्होंने अपने ज़िन्दगी में कभी भी किया हो, अपने ऊपर ले लिया |
  • 48:10 जब कोई ‘ईसा पर ईमान लाता है, ‘ईसा का लहू उस इन्सान के सब गुनाहों की कीमत चुका देता है, और ख़ुदा की __ सज़ा __ उस इन्सान के ऊपर से हट जाती है |
  • 49:09 लेकिन ख़ुदा ने दुनिया के हर इन्सान से इतना ज़्यादा प्यार किया कि उसने अपना इकलौता बेटा दे दिया ताकि जो कोई ‘ईसा पर ईमान उसे उसके गुनाहों की __सज़ा __ नहीं मिलेगी, लेकिन हमेशा ख़ुदा के साथ रहेगा।
  • 49:11 ‘ईसा ने कभी कोई गुनाह नहीं किया था, लेकिन फिर भी उसने __सज़ा __ उठाने और मारे जाने को चुना ताकि एक कामिल क़ुर्बानी की शक्ल में आपके और दुनिया के हर इन्सान के गुनाहों को उठा ले जा सके |

शब्दकोश:

  • Strong's: H3027, H3256, H4148, H4941, H5221, H5414, H6031, H6064, H6213, H6485, H7999, H8199, G1349, G1556, G1557, G2849, G3811, G5097