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गुनाह , गुनाहों, गुनाह करना, गुनाहगार, गुनाहगार, गुनाह करते रहना

ता’अर्रुफ़:

“गुनाह” काम, ख़याल और जो लफ़्ज़ ख़ुदावन्द के ख़िलाफ़ हैं। गुनाह का मतलब यह भी होता है कि हम वह काम न करें जो ख़ुदावन्द चाहता है।

  • वह हर एक काम जो ख़ुदावन्द का हुक्म या ख़ुशी के ख़िलाफ़ है बयान में वह बातें भी जिन्हें ग़ैर लोग नहीं जानते, गुनाह हैं।
  • ख़याल और काम जो ख़ुदावन्द की मर्ज़ी की फ़रमाबरदारी नहीं करते गुनाहगार कहलाते हैं।
  • क्यूँकि आदम ने गुनाह किया है, सभी इंसान एक " गुनाहगार फ़ितरत" के साथ पैदा होते हैं, जो एक क़ुदरती है जो उन्हें बराबर करता है और उन्हें गुनाह करने देता है।
  • “गुनाहगार” या'नी गुनाह करनेवाला, या सब इन्सान गुनाहगार हैं।
  • कभी-कभी “गुनाहगार ” लफ़्ज़ फ़रीसी जैसे मज़हबी लोगों के ज़रिए' शरी'अत पर 'अमल नहीं करनेवालों के लिए काम में लिया जाता था, फ़रीसियों के मुक़ाबले शरी'अत पर 'अमल नहीं करनेवालों के लिए।
  • “गुनाहगार” लफ़्ज़ उन लोगों के लिए भी काम में लिया जाता था जो ग़ैर लोगों से ज़्यादा गुनाहगार समझे जाते थे। मिसाल के तौर पर, जिज़्या लेनेवाले और तवाएफ़ ।

तर्जुमा की सलाह:

  • “गुनाह” का तर्जुमा ऐसे जुमले के ज़रिए' भी किया जा सकता है जिसका मतलब हो, “ ख़ुदावन्द का हुक्म न मानना” या “ख़ुदा की मर्ज़ी के ख़िलाफ़चलना” या “बुरे काम और ख़्याल” या “ग़लत काम करना”।
  • “ गुनाह करना” का तर्जुमा “ ख़ुदावन्द की ना फ़रमामानी ” या “ग़लत काम करना” भी हो सकता है।
  • जुमले के मुताबिक़ “गुनाहगार” का तर्जुमा “ग़लत काम करने वाले” या “बुरे या “ग़ैर इखलाक़ी” या “बुरा” या “ ख़ुदावन्द से मुख़ालिफ़त ”
  • जुमले के मुताबिक़ गुनाहगार” का तर्जुमा ऐसे लफ़्ज़ या जुमले के ज़रिए' किया जा सकता है जिसका मतलब हो “वह शख़्स जो गुनाह करता है” या “ग़लतकाम करनेवाला शख़्स” या “ ख़ुदावन्द के हुक्म न माननेवाला शख़्स”
  • “गुनाहगारों” का तर्जुमा ऐसे जुमले से भी किया जा सकता है जिनका मतलब हो “बहुत ज़्यादा गुनाहगार शख़्स” या “जिन लोगों को बहुत ज़्यादा गुनाहगार माना जाता है” या “ बहुत बुरा शख़्स”
  • “जिज़्या लेनेवाले और गुनाहगार” के तर्जुमें के कई तरीक़े हैं , “सरकार के लिए पैसा जमा' करनेवाले और बहुत ज़्यादा गुनाहगार लोग या “बहुत गुनाहगार शख़्स”।
  • " गुनाह के ग़ुलाम " या " गुनाह के ज़रिए’ हुक्म" के जुमलों में, "गुनाह" लफ़्ज़ का तर्जुमा "हुक्म न मानना" या " बुरी खवाहिशें और कामों " की शक्ल में किया जा सकता है।
  • वाज़ह करें कि इस वक़्त के तर्जुमे में गुनाहगार का सुलूक और ख़याल शामिल हो सकते हैं, यहां तक कि वह भी जो उस बारे में नहीं जानते हैं।
  • लफ़्ज़ "गुनाह" बराबर होना चाहिए, और "बदकार" और "बुराई" के लिए लफ़्ज़ों से अलग होना चाहिए।

(यह भी देखें:नाफ़रमानी, बुरा, जिस्म, जिज़्या लेनेवाला)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसाल:

  • 03:15 ख़ुदावन्द ने कहा "मैं वा'दा करता हूँ कि मैं फिर कभी ज़मीन पर ला'नत नहीं भेजूँगा क्यूँकि लोग बुरे काम करते हैं, या बाढ़ पैदा करके दुनिया को हलाक कर देते हैं, भले ही लोग उस वक़्त से गुनाहगार होते हैं जब वह बच्चे होते हैं।
  • 13:12 ख़ुदावन्द उनके गुनाह की वजह उनके साथ बहुत गुस्सा था और उन्हें हलाक करने के मन्सूबे बनाए ।
  • 20:01 इस्राईलियों और यहूदियों के बादशाहों ने ख़ुदावन्द के ख़िलाफ़ गुनाह किया था। उन्होंने 'अहद को तोड़ा जो ख़ुदावन्द ने उनके साथ सीनै में बनाया था।
  • 21:13 नबियों ने यह भी कहा कि मसीह ऐसा होगा, जिसमें कोई गुनाह नहीं होगा। वह ग़ैर लोगों के गुनाह के लिए सज़ा हासिल करने के लिए मर जाएगा
  • 35:01 एक दिन, ‘ईसा कई जिज़्या लेनेवाले और कई गुनाहगारों को सिखा रहा था जो उन्हें सुनने के लिए जमा' हुए थे।
  • 38:05 तब 'ईसा ने एक कटोरा लिया और कहा, "इसे पी लो। यह नए 'अहद नामे का मेरा ख़ून है जो गुनाहों की मु'आफ़ी के लिए डाल दिया गया है।
  • 43:11 पतरस ने उनसे कहा, “तौबा करो, और तुम में से हर एक 'ईसा मसीह के नाम से बपतिस्मा ले तो ख़ुदावन्द तुम्हारे गुनाहों को मु'आफ़ करेगा।
  • 48:08 हम सभी हमारे गुनाहों के लिए मरने के लायक़ हैं!
  • 49:17 अगर्चे आप एक मसीही हैं, फिर भी आप गुनाह करने की आज़माइश में पड़ेंगे । लेकिन ख़ुदावन्द यक़ीन के लायक़ है और यह कहता है कि अगर तुम अपने गुनाहों को मान लो, तो वह तुम्हें मु'आफ़ करेगा। वह गुनाह के ख़िलाफ़ जंग करने के लिए तुम्हें ताक़त देगा।

शब्दकोश:

  • Strong's: H817, H819, H2398, H2399, H2400, H2401, H2402, H2403, H2408, H2409, H5771, H6588, H7683, H7686, G264, G265, G266, G268, G361, G3781, G3900, G4258