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मुंसिफ़, फ़ैसला
ता’अर्रुफ़:
मुंसिफ़ वह शख्स है जो सही और ग़लत का फ़ैसला लेता है, ख़ास करके क़ानून मु'आमिलात के बारे में जब लोगों में तनाज़ा' हो।
- कलाम में ख़ुदा को ज़्यादातर एक मुंसिफ़ कहा गया है क्यूँकि वही सिर्फ़ एक बेहतरीन मुंसिफ़ है जो सही या ग़लत का आख़िरी फ़ैसला देता है।
- इस्राईल जब कन'आन में दाख़िल हो गए और उनके बादशाहों से पहले ख़ुदा उनके लिए रहनुमा मुक़र्रर करता था कि परेशानी के वक़्त उनकी रहनुमाई करे इन रहनुमाओं को मुंसिफ़ कहा गया है। ये मुंसिफ़ ज़्यादातर फ़ौजी रहनुमा थे जिन्होंने दुश्मन को शिकस्त करके इस्राईलियों की नजात की थी ।
- “मुंसिफ़” को “फ़ैसला लेने वाला” या “रहनुमा” या “मुन्जी ” या “हाकिम” कह सकते हैं लेकिन जुमलों के मुताबिक़ ।
(यह भी देखें: हाकिम, इन्साफ़, [क़ानून )
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- 2 तीमुथियुस 04:6-8
- रसूलों के 'आमाल 07:26-28
- लूक़ा 11:18-20
- लूक़ा 12:13-15
- लूक़ा 18:1-2
- मत्ती 05:25-26
- रूत 01:1-2
शब्दकोश:
- Strong's: H148, H430, H1777, H1778, H1779, H1780, H1781, H1782, H2940, H4055, H6414, H6415, H6416, H6417, H6419, H8196, H8199, H8201, G350, G1252, G1348, G2919, G2922, G2923