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साक़ी ,साक़ी

ता’रीफ़:

पुराने ‘अहद नामे के ज़माने में “साक़ी” बादशाह का वह ख़ादिम होता था जो बादशाह को मय का कटोरा देता था, वह पहले ख़ुद मय का ज़ायक़ा लेकर तय करता था कि उसमें ज़हर तो नहीं है।

  • इसका लफ़्ज़ी मतलब हो सकता है “कटोरा लाने वाला” या “वह जो कटोरा लाता है”।
  • “साक़ी” भरोसे मंद होने और राजा का वफ़ादार होने के लिए जाना जाता था।
  • उसकी वफ़ादारी की वजह से साक़ी हमेशा बादशाह के ज़रिये’ लिए गए फ़ैसले पर असर डाल सकता था।
  • नहमियाह ख़ास बादशाह का साक़ी था, उस वक़्त भी कुछ इस्राईली बाबुल की ग़ुलामी में थे।

(यह भी देखें: ख़ास , बाबुल, क़ैदी, फ़ारस, फ़िर’औंन)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H8248