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4.3 KiB

ताज , ताज, ताज पहनाना, ताज रखा

ता’अर्रुफ़:

ताज बादशाह रानी के सिर पर पहना जानेवाला ज़ेवर हैं। “ताज पहनाना” का मतलब किसी के सिर पर ताज रखना ; जिसका ‘अलामती मतलब है “इज़्ज़त करना।”

  • ताज सोने या चांदी के बने होते थे और उनमे क़ीमती पत्थर मरकत और माणिक जड़े होते थे।
  • ताज बादशाह की ताक़त और माल -दौलत का निशान था।
  • इसके बरख़िलाफ़ सिपाहियों ने ‘ईसा के सिर पर कांटों का ताज रखा था तो वह उसका मज़ाक़ उड़ाने और उसे दुःख देने के लिए था।
  • पुराने ज़माने में जीतने वाले खिलाड़ियों को जैतून के पेड़ की टहनियों का ताज पहनाया जाता था। पौलुस रसूल तीमुथियुस को लिखे दूसरे ख़त में इस ताज की गुफ़्तुगू करता है।
  • तम्सीली शक्ल में “ताज पहनाने” का मतलब है इज़्ज़त करना। हम ख़ुदा का हुक्म मानकर और ग़ैरों में उसकी ता’रीफ़ बयान करके उसकी इज़्ज़त करते हैं। यह ऐसा है जैसे उसके सिर पर ताज रखना और उसे बादशाह क़ुबूल करना।
  • पौलुस ईमानदारों को अपनी “ख़ुशी और ताज ” कहता है। इस कलाम में “ताज ” का मतलब ‘अलामती है जिसका मतलब है कि पौलुस बहुत बरकत से मा’मूर और क़ाबिल-ए-इज़्ज़त है क्योंकि ईमानदार ख़ुदा की ख़िदमत में यकीन के लायक़ रहे हैं।
  • तम्सीली शक्ल में इस्ते’माल करने पर ताज का तर्जुमा “इना’म ” या “इज़्ज़त ” या “बदला ” किया जा सकता है।
  • “ताज पहनाने” को जब तम्सीली शक्ल में काम में लिया जाए तो इसका तर्जुमा “इज़्ज़त देना” या “आरास्ता करना” हो सकता है।
  • किसी को ताज पहनाने का तर्जुमा हो सकता है, “उसके सिर पर ताज रखा गया”।
  • “जलाल और इज़्ज़त का ताज ” का तर्जुमा “उसे ता’ज और इज़्ज़त दिया गया” या “उसे जलाली या क़ाबिल-ए-इज़्ज़त किया गया” या “वह जलाल और इज़्ज़त के साथ मा’मूर था”।

(यह भी देखें: जलाल, बादशाह, जैतून)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H2213, H3803, H3804, H4502, H5145, H5849, H5850, H6936, G1238, G4735, G4737