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ज़ैतून
ता’अर्रुफ़:
ज़ैतून एक छोटा अण्डा जैसा फल होता है, यह ज़्यादातर रोम के समंदरी इलाक़े में उगाया जाता था।
ज़ैतून के पेड़ सदाबहार बड़ी झाड़ी होते है, उनके फूल छोटे और सफ़ेद होते हैं। वे गर्म आब-ओ-हवा में सबसे अच्छे उगते हैं और उन्हें पानी भी बहुत कम चाहिए होता है।
- ज़ैतून का फल हरा होता है और पकने पर काला पड़ जाता है। ज़ैतून खाने के लिए और उनसे निकाले जाने वाले तेल के लिए इस्ते’माल होता था।
- ज़ैतून का तेल पकाने के, चराग़ जलाने और मज़हबी जश्नों के लिए काम आता था।
- किताब-ए-मुक़द्दस में ज़ैतून के पेड़ और डाल इंसानों के लिए ‘अलामती तौर पर में काम में लिए जाते थे।
(यह भी देखें: चराग़, समन्दर, ज़ैतून का पहाड़ )
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- 1 तवारीख़ 27:28-29
- इस्तिस्ना 06:10-12
- ख़ुरूज 23:10-11
- पैदाइश 08:10-12
- या’क़ूब 03:11-12
- लूक़ा 16:5-7
- ज़ुबूर 052:8-9
शब्दकोश:
- Strong's: H2132, H3323, H8081, G65, G1636, G1637, G2565