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स्तिफ़नुस

सच्चाई:

स्तिफ़नुस पहला शहीद मसीही या'नी मसीह में ईमान की वजह से क़त्ल किया गया। उसकी ज़िन्दगी और मौत की सच्चाई रसूलों के 'आमाल की किताब में हैं।

  • स्तिफ़नुस को शुरू'आती कलीसिया ने यरूशलीम में बेवाओं और कई ज़रूरतमन्द ईमानदारों के लिए खाना फ़राहम की ख़िदमत के लिए एक ख़ादिम चुना था।
  • कुछ यहूदियों ने उस पर झूठा इल्ज़ाम लगाया था कि वह ख़ुदावन्द और मूसा की शरी'अत के ख़िलाफ़ बोलता है।
  • स्तिफ़नुस ने मसीह 'ईसा के बारे में बेख़ौफ़ होकर सच्चाई का ज़िक्र किया और इस्राईल के साथ शुरू' से लेकर ख़ुदावन्द के किरदार का बयान किया था।
  • उसकी बातें सुनकर यहूदी रहनुमा आग बबूला हो गए और उसे शहर के बाहर ले जाकर पथराव कर के मार डाला।
  • उसकी मौत का गवाह तर्शिश का शाऊल भी था जो बा'द में रसूल पौलुस हुआ।
  • स्तिफ़नुस ने मरने से पहले जो आख़िरी दु'आ की वह यादगार है, “ऐ ख़ुदा उनसे इस गुनाह का हिसाब मत लेना” इससे लोगों के लिए उसका प्यार ज़ाहिर होता है।

(तर्जुमा की सलाह: नामों का तर्जुमा कैसे करें)

(यह भी देखें: मुक़र्रर, सदाक़त , यरूशलीम, पौलुस, पत्थर, सच्ची)

किताब-ए-मुक़द्दस क्र बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: G4736