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ख़ादिम, ख़ादिमों
ता’अर्रुफ़:
बुज़ुर्ग वह शख़्स होता है जो मक़ामी कलीसिया में ख़िदमत का काम करता है, और साथी ईमानदारों की ज़रूरतों जैसे, खाने या पैसे की मदद करता है|
- “बुज़ुर्ग” लफ़्ज़ यूनानी लफ़्ज़ “डीकन” से लिया गया है, जिसका मतलब “नौकर” या “वज़ीर” है|
- शुरू’आती कलीसिया के वक़्त ही से बुज़ुर्ग की ज़िम्मे’दारी कलीसिया में एक अच्छी ता’रीफ़ और ख़िदमत रही है।
- मिसाल के तौर पर, नये ‘अहदनामे के ज़माने में बुज़ुर्ग तय करते थे कि ईमानदार जो पैसा और खाना फ़राहम करवाते थे, उसका बंटवारा बेवाओं में बिना तरफ़दारी से किया जाए।
- “बुज़ुर्ग” लफ़्ज़ का तर्जुमा किया जा सकता है, “कलीसिया का ख़ादिम” या “कलीसियाई के काम करने वाला” या “कलीसिया का नौकर” या और कोई जुमला जिसके ज़रिए’ ज़ाहिर हो कि मक़ामी मसीही क़बीले के लिए फ़ायदेमन्द ख़ास काम के लिए रस्मी तौर पर मुक़र्रर किया गया शख़्स|
क़िताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: G1249