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इब्राहीम, अब्राम
सच्चाई:
अब्राम ऊर शहर का एक क़सदी आदमी था जिसे ख़ुदावन्द ने इस्राईल का बुजुर्ग होने के लिए चुन लिया था | खुदावन्द ने उसका नाम अब्राम से बदलकर इब्राहीम कर दिया था |
- “ अब्राम का मतलब है मज़बूत बाप “”
- “अइब्राहीम का मतलब है बहुतों का बाप”
- ख़ुदावन्द ने इब्राहीम से वा’दा किया था कि वह बहुतों का बाप होगा उसकी औलादें एक बड़ी क़ौम होंगे ।
- इब्राहीम ने ख़ुदावन्द पर यक़ीन किया और उसके हुक्मों को माना |। ख़ुदावन्द ने इब्राहीम को कसदियों के मुल्क से लेकर कनआन जाने में रहनुमाई की।
- कन'आन में इब्राहीम और सारा को बुढ़ापे में इस्हाक़ हासिल हुआ था। ।
(तर्जुमा की सलाह: नामों का तर्जुमा)
(यह भी देखें: \ कना’न, क़सदी, सारा, इस्हाक़
किताब -ए-मुक़द्दस के बारे में:
किताब -ए-मुक़द्दस कहानियों से मिसाल:
- __04:06__जब अब्राम कन’आन मुल्क पहुंचा तब ख़ुदावन्द ने उसे कहा कि , ““अपने चारों तरफ़ देख क्यूँकि जितनी ज़मीन तुझे दिखाई देती है, उस सब को मैं तुझे और तेरी नसल को दूँगा
- 05:04 ख़ुदावन्द__ ने कहा कि अब तेरा नाम अब्राम __ न होकर __ इब्राहीम होगा, जिसका मतलब है –“बहुतों का बाप ।”
- 05:05 तक़रीबन एक साल बाद में, जब __इब्राहीम __ सौ साल का हुआ और सारा नब्बे साल की तो, सारा ने इब्राहीम के बेटे को जन्म दिया ।
- __5:06 जब इस्हाक़ जवान हुआ, ख़ुदावन्द ने इब्राहीम से यह कहकर उसकी आज़माइश ली,”कि अपने एकलौते बेटे इस्हाक़ को आतशी क़ुर्बानी करके चढ़ा।।
- __06:01जब __इब्राहीम __ ‘उम्र दराज़ हो गया था, तो उसका बेटा इस्हाक़ व्यस्कता की तरफ़ बढ़ता जा रहा था, इब्राहीम ने अपने एक ग़ुलाम से कहा, कि तू मेरे मुल्क में मेरे ही खानदानियों के पास जाकर मेरे बेटे इस्हाक़ के लिये एक बीवी ले आएगा।
- __06:04__एक लंबे वक़्त के बाद __इब्राहीम __ की मौत हो गयी, ख़ुदावन्द ने इब्राहीम से जो अहद बाँधा था उसके मुताबिक़ ख़ुदावन्द ने इस्हाक़ को बरकत दी
- 21:02_ ख़ुदावन्द ___ ने इब्राहीम से अहद बाँधा कि सर ज़मीन के सारे लोग तेरे ज़रिए बरकत पाएँगे।।
शब्दकोश:
- Strong's: H87, H85, G11