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5.6 KiB

इस्हाक़

सच्चाई:

इस्हाक़ इब्राहीम और सारा का पहलौठा बेटा था। अगर्चे वह ‘उम्र दराज़ था, फिर भी ख़ुदावन्द ने उन्हें बेटा देने का वा'दा किया था ।

  • “इस्हाक़” का मतलब है, “वह हँसता है” ख़ुदावन्द ने इब्राहीम से कहा कि सारा एक बेटे को पैदा करेगी तब इब्राहीम हंस पड़ा था क्यूँकि वह दोनों बहुत 'उम्र दराज़ थे। उस वक़्त यह ख़ुशख़बरी सुनकर सारा भी हँस दी थी।
  • लेकिन ख़ुदावन्द ने अपन वा'दा पूरा किया और इब्राहीम और सारा को 'उम्र दराज़ी में बेटा हासिल हुआ ।
  • ख़ुदावन्द ने इब्राहीम से कहा कि उसने इब्राहीम के साथ जो 'अहद बाँधा है वह इस्हाक़ और उसकी नसल के साथ भी बंधी रहेगी।
  • जब इस्हाक़ लड़कपन में पहुंचा तब ख़ुदावन्द ने इब्राहीम के ईमान को परखने के लिए उससे कहा कि वह उसके लिए इस्हाक़ को क़ुर्बान कर दे।
  • इस्हाक़ के बेटे या'क़ूब के बारह बेटे थे जो आगे चलकर इस्राईल के बारह क़बीले हुए।

(तर्जुमा की सलाह नामों का तर्जुमा कैसे करें)

(यह भी देखें: इब्राहीम , नसल, सदाकालीन, मुकम्मल, या'क़ूब, सारा, इस्राईल के बारह क़बीले)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसालें:

  • 05:04 “तेरी बीवी सारै के तुझ से एक बेटा होगा। और वह वा'दे का बेटा होगा। और तू उसका नाम इस्हाक़ रखना।”
  • 05:06 जब इस्हाक़ लड़कपन ही में था , ख़ुदावन्द ने इब्राहीम से यह कहकर उसकी आज़माइश ली, “अपने पहलौठे बेटे इस्हाक़ को सोख़्तनी क़ुर्बानी करके पेश कर।”
  • 05:09 लिहाज़ा इब्राहीम ने जाके उस मेढ़े को लिया और अपने बेटे इस्हाक़ की जगह पर उसको सोख़्तनी क़ुर्बानी करके पेश किया |
  • 06:01 जब इब्राहीम 'उम्र दराज़ हो गया था, तो उसका बेटा इस्हाक़ जवानी की ओर बढ़ता जा रहा था, इब्राहीम ने अपने एक ग़ुलाम से कहा, कि तू मेरे मुल्क में मेरे ही ख़ानदानियों के पास जाकर मेरे बेटे इस्हाक़ के लिये एक बीवी ले आएगा।
  • 06:05 इस्हाक़ ने ख़ुदावन्द से दु'आ की, और ख़ुदावन्द ने उसकी इल्तिजा सुनी इस तरह रिबक़ा जुड़वाँ बेटों के साथ हाम्ला हुई।
  • 07:10 इस्हाक़ की मौत हो गयी और उसके बेटे ऐसौ और या'क़ूब ने उसको मिट्टी दी। ख़ुदावन्द ने इब्राहीम की नस्लों के बारे में जो 'अहद उससे बाँधा था, वह इब्राहीम से इस्हाक़ और इस्हाक़ से या'क़ूब को दिया ।

शब्दकोश:

  • Strong's: H3327, H3446, G2464