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'इबादतख़ाना
ता'अर्रुफ़:
“इबादतख़ाना” वह मक़ाम था जहाँ यहूदी लोग ख़ुदा की 'इबादत के लिए एक साथ मिलते थे।
- पुराने वक़्त से, एक इबादतख़ाना की ख़िदमतों में दुआओं के वक़्त ,सहीफ़ा पढ़ना, और सहीफ़ों के बारे में ता'लीम शामिल है।
- यहूदियों ने बुनियादी तौर से इबादतख़ानों को अपने ही शहरों में दु'आ करने और 'इबादत करने के लिए ता'मीर करना शुरू' किया, क्यूँकि उनमें से बहुत से यरूशलीम की हैकल से बहुत दूर रहते थे।
- 'ईसा हमेशा इबादतख़ाने में ता'लीम देते थे और लोंगों को अच्छा करते थे।
- “इबादतख़ाना” का ख़ुलासा वहाँ 'इबादत करने वाले झुण्ड से भी हो सकता है।
(यह भी देखें: अच्छा करना, यरूशलीम, यहूदी, दु'आ करना, हैकल, ख़ुदा का कलाम, ‘इबादत)
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- रसूलों के 'आमाल 06:8-9
- रसूलों के 'आमाल . 14:1-2
- रसूलों के 'आमाल 15:19-21
- रसूलों के 'आमाल 24:10-13
- यूहन्ना 06:57-59
- लूक़ा 04:14-15
- मत्ती 06:1-2
- मत्ती 09:35-36
- मत्ती 13:54-56
शब्दकोश:
- Strong's: H4150, G656, G752, G4864