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जी उठना
ता’अर्रुफ़:
“जी उठने” का मतलब है मरने के बा’द दुबारा ज़िन्दा हो जाना।
- किसी का पुनरूत्थान करना या’नी उसे मरने के बा’द दुबारा ज़िन्दा करना। सिर्फ़ ख़ुदा के पास ऐसी क़ुव्वत है।
- लफ़्ज़ "जी उठने" अक्सर ‘ईसा के मरने के बा’द दुबारा ज़िन्दा के बारे में बताता है।
- ‘ईसा ने कहा, “क़यामत और ज़िन्दगी मैं हूं”, तो उसके कहने का मतलब था कि वह क़यामत का ज़रिया’ है और वह इन्सान को दुबारा ज़िन्दा करता है।
तर्जुमे की सलाह:
- “जी उठने” लफ़्ज़ का तर्जुमा, “फिर ज़िन्दा होना” या “मरने के बा’द फिर ज़िन्दा हो जाना” हो सकता है।
- इस लफ़्ज़ का सही मतलब “ऊँचा उठना” या “उठाए जाना” (मौत से) है। इस लफ़्ज़ के मुमकिन तर्जुमा, “अंदरूनी इख़लाक़ी राह दिखाना” या “इख़लाक़ी ख़याल” हो सकते हैं
(यह भी देखें: ज़िन्दगी, मौत, खड़ा करना
किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:
- 1 कुरिन्थियों 15:12-14
- 1 पतरस 03:21-22
- इब्रानियों 11:35-38
- युहन्ना 05:28-29
- लूक़ा 20:27-28
- लूक़ा 20:34-36
- मत्ती 22:23-24
- मत्ती 22:29-30
- फ़िलिप्पियों 03:8-11
किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसालें:
- 21:14 मसीह की मौत और उसके जी उठने के ज़रिए’ से, ख़ुदा अपना मनसूबा साबित करेगा और गुनाहगारों को बचाने के लिए नए ‘अहद की शुरू’आत करेंगे |
- 37:05 ‘ईसा ने जवाब दिया, "मैं क़यामत और ज़िन्दगी हूँ।" जो कोई मुझ पर ईमान करता है वह अगर मर भी जाये, तौभी ज़िन्दा रहेगा”
शब्दकोश:
- Strong's: G386, G1454, G1815