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मीरास होना, वरासत, हिस्सा, वारिस

ता’अर्रुफ़:

“मीरास” माँ बाप या किसी से ख़ास रिश्ता की वजह से कोई क़ीमती चीज़ हासिल करना। यह "वरासत" का एलान है।

  • दुनियावी वरासत में पैसा, ज़मीन, या दूसरी जायदाद हासिल होती है।

  • रूहानी वरासत में 'ईसा में ईमान करनेवालों को ख़ुदावन्द देता है- इस ज़िन्दगी हमेशा की ज़िन्दगी में उसके साथ।

  • कलाम ख़ुदा के लोगों की उसकी वरासत (हिस्सा) कहती है जिसका मतलब है वह उसके लोग हैं। वह उसकी क़ीमती जायदाद हैं।

  • ख़ुदा ने इब्राहीम और उसकी नसलों से वा'दा किया था कि कन'आन उनका हिस्सा होगा कि वह हमेशा के लिए उनका होगा।

  • इसका 'अलामती और रूहानी मतलब भी है, जिसमें ख़ुदा के लोगो के लिए कहा गया है कि, “ज़मीन के वारिस होंगे”। इसका मतलब है, अमीर होंगे और ख़ुदा से बरकत पाएंगे, दुनियावी और रूहानी बरकतें ।

  • नए 'अहद नामे में ख़ुदा ने वा'दा किया है कि जो 'ईसा में ईमान करते है वह “नजात पाएंगे” और “हमेशा की ज़िन्दगी के वारिस” होंगे। इसका तर्जुमा इस तरह भी हो सकता है, “ख़ुदा की बादशाही के वारिस होंगे” यह एक रूहानी विरासत है जो हमेशा के लिए रहती है।

  • इस जुमले के दूसरे 'अलामती मतलब भी हैं,

  • कलाम में लिखा है, कि ' अक़्लमन्द आदमी “जलाल के हिस्सेदार ” होंगे और रास्तबाज़ लोगों का “हिस्सा अच्छी चीज़ें” होंगी ।

  • “वादों का वारिस” होने का मतलब है, वह सब चीज़ें हासिल करना जिनका वा'दा ख़ुदा ने अपने लोगों से किया है।

  • इस लफ़्ज़ का ग़लत इस्ते'माल भी किया जाता है जो मूर्ख और नाफ़रमान लोगों के बारे में है, “बेवक़ूफों का हिस्सा बेवक़ूफ़ी” ही होती है और “उनके हिस्से में बेवक़ूफ़ी” ही बेवक़ूफ़ी होती है। इसका मतलब है कि वह अपने गुनाह के कामों की सज़ा पाने को हैं जिसमें सज़ा और बदकार ज़िन्दगी गुजारते हैं ।

तर्जुमा की सलाह:

  • जैसे हमेशा किया जाता है, पहले यह देखें कि 'अलामती ज़बान में “वारिस” या “हिस्सा” (वारिस) के लिए लफ़्ज़ हैं, उनका इस्ते'माल करें।
  • जुमले पर क़ायम, “हिस्से ” को तर्जुमा की कई शक्ल है, “हासिल करना” या “इख्तियार में लेना” या “वारिस होना”।
  • “जुमलों पर क़ायम ” (विरासत) का तर्जुमा हो सकता हैं “महफ़ूज़ हिस्सा” या “विरासत पाना”।
  • जब ख़ुदा के लोगों को उसका हिस्सा कहा गया है तो उसका तर्जुमा होगा, “उनके वफ़ादार ईमानदार लोग”
  • “वारिस” लफ़्ज़ का तर्जुमा ऐसे लफ़्ज़ से किया या जुमले से किया जा सकता है जिसका मतलब, “ख़ुश नसीब औलाद जो बाप की जायदाद हासिल करता है” या “(ख़ुदा की) रूहानी जायदाद या बरकत हासिल करने के लिए।”।
  • लफ़्ज़ "विरासत" का तर्जुमा "ख़ुदा से मुबारकबाद" या "विरासत में मिली बरकतों" की शक्ल में किया जा सकता है।

(यह भी देखें: वारिस, कन'आन, वा’दे का मुल्क )

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसालें:

  • 04:06 जब अब्राम कन'आन मुल्क पहुंचा तब ख़ुदावन्द ने उससे कहा कि, अपने चारों तरफ़ देख’’ क्यूँकि जितनी ज़मीन तुझे दिखाई देती है, उस सब को मैं तुझे और तेरी नसल को दूँगा।
  • 27:01 एक दिन, यहूदियों के क़ानून में एक ;आलिम 'ईसा का इम्तिहान लेने के लिए आया था, उन्होंने कहा, "उस्ताद, मुझे हमेशा की ज़िन्दगी __ पाने के लिए__ क्या करना चाहिए ?"
  • 35:03 “किसी आदमी के दो बेटे थे। उनमें से छोटे बेटे ने बाप से कहा, ‘ऐ बाप, जायदाद में से जो हिस्सा मेरा है वह मुझे दे दीजिए।’ तो बाप ने अपने दोनों बेटो में अपनी जायदाद बाँट दी।”

शब्दकोश:

  • Strong's: H2490, H2506, H3423, H3425, H4181, H5157, H5159, G2816, G2817, G2819, G2820