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3.3 KiB

‘इज़्ज़त, ‘इज़्ज़त करता,

ता’अर्रुफ़:

“‘इज़्ज़त” और “‘इज़्ज़त करना” का मतलब है किसी का ‘इज़्ज़त करना, अदब करना या अहतराम करना |

  • ‘इज़्ज़त उस इन्सान की की जा सकती है जो ‘उहदे में बड़ा हो, ख़ास हो जैसे बादशाह या ख़ुदा
  • ख़ुदा ने मसीहियों को दूसरों का अहतराम करने का हुक्म दिया है।
  • औलाद से उम्मीद की गई है कि अपने वालिदैन का अहतराम करें जिसमें उससे ‘इज़्ज़त और फ़रमाबरदारी की उम्मीद भी की गई है।
  • “‘इज़्ज़त” और जलाल अलफ़ाज़ के साथ-साथ काम में लिया गया है, ख़ास करके ‘ईसा के बारे में। एक ही बात को कहने के ये दो तरीक़े हैं।
  • ख़ुदा का अहतराम करने का मतलब है उसका शुक्र करना और उसकी ता’रीफ़ करना और उसका हुक्म मानकर ‘इज़्ज़त ज़ाहिर करना तथा ऐसी ज़िन्दगी जीना जिससे ज़ाहिर हो कि वह कैसा बड़ा है।

तर्जुमे की सलाह:

  • “‘इज़्ज़त” के और तर्जुमे के तरीके हैं, “किसी को ख़ास अहतराम दिखाना” या “’इज़्ज़त ज़ाहिर करना” या “बड़ी ‘इज़्ज़त देना”

“‘इज़्ज़त करना” का तर्जुमा हो सकता है, “ख़ास अहतराम करना” या “ता’रीफ़ करना” या “बड़ी इज़्ज़त देना” या “बड़ी खुसूसियत ज़ाहिर करना”

(यह भी देखें: बे’इज़्ज़ती, जलाल, बड़ाई करना, हम्द करना)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H1420, H1921, H1922, H1923, H1926, H1927, H1935, H2082, H2142, H3366, H3367, H3368, H3372, H3373, H3374, H3444, H3513, H3519, H3655, H3678, H5081, H5375, H5457, H6213, H6286, H6437, H6942, H6944, H6965, H7236, H7613, H7812, H8597, H8416, G820, G1391, G1392, G1784, G2151, G2570, G3170, G4411, G4586, G5091, G5092, G5093, G5399