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3.3 KiB

नक़दरी, नक़दरी करना, नक़दरी किया, नाक़दर

ता’अर्रुफ़:

लफ़्ज़ “नक़दरी” का मतलब है कि किसी का अहतराम खोने का काम करना। ये भी वजह हो सकती है, शर्मिन्दा इन्सान या बे’इज़्ज़त|

“नक़दरी” लफ़्ज़ का मतलब, एक शर्मनाक काम या किसी को शर्मिन्दा करने की वजह ज़ाहिर करता है।

  • कभी-कभी “नक़दरी” लफ़्ज़ ऐसी चीज़ों के लिए भी काम में लिया जाता है जो किसी अहमियत की नहीं हैं।
  • बच्चों के लिए हुक्म है कि वे अपने वालिदैन की ‘इज़्ज़त करें और उनका हुक्म मानें। * जब बच्चे नाफ़रमानी करते हैं तो वे अपने वालिदैन की नक़दरी करते हैं। वे अपने वालिदैन के साथ ऐसा सुलूक करते हैं जिससे उनको ‘इज़्ज़त हासिल नहीं होती है।
  • बुतपरस्ती करके और ग़ैर-इख़लाक़ी सिफ़त के ज़रिए’ इस्राईल यहोवा की बे’इज़्ज़ती करते थे।
  • यहूदी ‘ईसा को बदरूह से भरा कहकर उसकी बे’इज़्ज़ती करते थे।
  • इसका तर्जुमा “’इज़्ज़त नहीं करना” या “अहतिराम का सुलूक न करना” हो सकता है।
  • “बे’इज़्ज़त” इस्म लफ़्ज़ का तर्जुमा “बे’इज़्ज़ती” या “अहतराम खोना” किया जा सकता है।
  • मज़मून पर मुनहस्सिर “बे’इज़्ज़ती” का तर्जुमा “’इज़्ज़त के लायक़ नहीं” या “शर्मनाक ” या “बे-अहमियत” या “क़ीमती नहीं” किया जा सकता है।

(यह भी देखें: बे’इज़्ज़ती, ‘इज़्ज़त)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H1540, H2490, H2781, H3637, H3639, H5006, H5034, H6172, H6173, H7034, H7036, H7043, G818, G819, G820, G2617