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2.5 KiB

ख़ुदाई

ता’अर्रुफ़:

लफ़्ज़ “ख़ुदाई” का मतलब ख़ुदा से मुता’अल्लिक़ सारी बातें।

  • कुछ तरीक़ों में इस लफ़्ज़ को इस तरह भी इस्ते’माल किया जा सकता है, “ख़ुदाई इख़्तियार” “ख़ुदाई फ़ैसला” “ख़ुदाई जलाल”।
  • किताब-ए-मुक़द्दस के एक मज़मून में “ख़ुदाई” लफ़्ज़ झूठे मा’बूदों के बारे के बारे में भी काम में लिया गया है।

तर्जुमे की सलाह :

  • “ख़ुदाई” लफ़्ज़ के तर्जुमे के तरीक़े हो सकते हैं, “ख़ुदा का” या “ख़ुदा से” या “ख़ुदा से मुता’अल्लिक़” या “ख़ुदाई सिफ़त”
  • मिसाल के तौर पर, “ख़ुदाई इख़्तियार” का तर्जुमा हो सकता है, “ख़ुदा का इख़्तियार” या “ख़ुदा का दिया हुआ इख़्तियार”।
  • अलफ़ाज़ “ख़ुदाई जलाल” का तर्जुमा हो सकता है, “ख़ुदा का जलाल” या “ख़ुदा में शामिल जलाल” या “ख़ुदा से ज़ाहिर जलाल”।
  • कुछ तर्जुमों में बुतों से मुता’अल्लिक़ किसी बात को बताने के लिए अलग अलफ़ाज़ का इस्ते’माल किया जाता है।

(यह भी देखें: इख़्तियार, झूठे मा’बूद, जलाल, ख़ुदा, इन्साफ़, क़ुव्वत)

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: G2304, G2999