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पहिलौठे का इख्तियार
ता'अर्रुफ़ :
“पहिलौठे का इख्तियार” कलाम में 'इज्ज़त, ख़ानदान के नाम, जिस्मानी दौलत, जो पहले बेटे को दिया जाता है।
- पहले बेटे के पहिलौठे होने के इख्त्तियार में बाप की वसीयत का दो गुना हिस्सा होता था।
- बादशाह के पहिलौठे को बाप के मौत के बा'द हुकूमत करने का इख्तियार हासिल था।
- 'ऐसौ ने अपने छोटे भाई या'क़ूब को अपना पहिलौठे का इख्तियार बेच दिया था। इस वजह से 'ऐसौ की जगह में या'क़ूब को पहिलौठे की बरकतें मिलीं।
- पहिलौठे के इख्तियार में पहिलौठे की 'इज्ज़त होती है कि ख़ानदान की सब औलादों को पहिलौठे का नाम मिले।
तर्जुमा की सलाह :
- “पहिलौठे का इख्तियार” के मुमकिन तर्जुमें हो सकते हैं, “पहले बेटे के इख्तियार और मीरास” या “ख़ानदान 'इज्ज़त” या “पहले बेटे के ख़ुशक़िसमत और इख़्तियार”
(यह भी देखें: पहिलौठे, मीरास , नसल)
किताब -ए-मुक़द्दस के बारे में:
शब्दकोश:
- Strong's: H1062, G4415