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लेपालक, गोद लेना, अपनाना

ता’अर्रुफ़:

“गोद लेना” और “लेपालक” या'नी माँ-बाप के 'अलावह किसी के ज़रिए' किसी को क़ानूनी तौर से गोद लेने का रद्द-ए-'अमल ।

  • कलाम में “लेपालक”लफ़्ज़ का इस्ते'माल 'अलामती शक्ल में किया गया है जो ज़ाहिर करता है कि ख़ुदा, लोगों को अपने ख़ानदान का मिम्बर बनाता है, उन्हें अपना रूहानी बेटा -बेटी बना लेता है।
  • लेपालक औलाद होने की वजह ईमानदार मसीह ईसा के साथ वारिस हो गए हैं और उन्हें ख़ुदा के बेटा -बेटी की सब ज़रूरतें हासिल होती हैं।

तर्जुमा की सलाह:

  • इस लफ़्ज़ के तर्जुमा में ऐसा लफ़्ज़ काम में लिया जाए जो माँ-बाप और औलाद के ख़ास रिश्ते को दिखाए । वाजेह " करें कि इसका 'अलामती या रूहानी मतलब साबित हो।
  • “लेपालक बेटों का तजुर्बा ” इसका तर्जुमा हो सकता है, “ख़ुदा के ज़रिए' बेटा होने के लिए गोद ले लेना” या “ख़ुदा की (रूहानी )औलाद होना”।
  • "बेटों को गोद लेने का इन्तिज़ार करें" इसका तर्जुमा हो सकता है, "ख़ुदा के बच्चे बनने के लिए तैयार हैं " या "उम्मीद में ख़ुदा के लिए इन्तिज़ार करे बच्चों की शक्ल में हासिल करने के लिए"
  • जुमला "उन्हें अपनाने" के तौर में तर्जुमा किया जा सकता है "उन्हें अपने बच्चों की शक्ल में हासिल करें" या "उन्हें ख़ुद (रूहानी ) बच्चों को बनाते हैं।"

(यह भी देखें: वारिस, हाकिम होना, रूह )

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: G5206