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एक टीम का इन्तखाब करना
जैसे ही आप किसी तर्जुमा और जाँच करने की टीम को मुन्तखिब करना शुरू करते हैं, कई मुख्तलिफ़ किस्म के लोग और किरदार की ज़रुरत है। बाज़ मख्सूस क़ाबिलियतें भी हर टीम के लिए ज़रूरी हैं।
- एक तर्जुमा की टीम का इन्तखाब करना – बहुत से किरदार का बयान करता है जिनकी ज़रुरत है
- मुतर्जिम की अहलियत – बाज़ हुनर का बयान करता है जिनका मुतर्जमीन में होना ज़रूरी है
- याद रखें के टीम में हर किसी को एक ऐसे बयान पर दस्तख़त करने की ज़रूरत है जिससे वो मुत्तफ़िक़ हों (फॉर्म्स http://ufw.io/forms/ पर दस्तयाब हैं):
- ईमान का बयान
- तर्जुमा के हिदायात
- खुला लाइसेंस
- टीम में हर एक को अच्छे तर्जुमे की ख़ुसूसियात जानने की भी ज़रुरत होती है (देखें एक अच्छे तर्जुमा के ख़ुसूसियात).
- टीम को यह भी जानने की ज़रूरत है के उन्हें जवाब कहाँ मिल सकता है (देखें जवाबात की तलाश).
तर्जुमा के फ़ैसले
तर्जुमा टीम को बहुत से फ़ैसले करने की ज़रुरत होगी, उनमे से कई तजवीज़ के आग़ाज़ में होंगे। मुन्दर्जा ज़ैल शामिल हैं:
- माख़ज़ मतन का इन्तखाब – एक अच्छे माख़ज़ मतन का इन्तखाब बहुत अहम है
- हक़ अशाअत, लाइसेंसिंग, और माख़ज़ मतन – एक माख़ज़ मतन का इन्तखाब करते वक़्त हक़ अशाअत के आमूर पर गौर करना ज़रूरी है
- माख़ज़ मतन और वर्ज़न नम्बर – एक माख़ज़ मतन के ताज़ा वर्ज़न से तर्जुमा करना बेहतरीन है
- [अल्फाब../../translate/translate-source-version/01.md] – बहुत सी ज़बानों में हरूफ़ तहज्जी के फ़ैसले होते हैं जिनको करने की ज़रुरत है
- आपकी ज़बान लिखने के फ़ैसले Orthography – तहरीरी अन्दाज़, औक़ाफ़, तर्जुमे के नाम, हिज्जा, और दीगर फ़ैसले करने हैं)
- तर्जुमे का अन्दाज़ – तर्जुमा मजलिस को तर्जुमानी के इस अन्दाज़ पर इस मानी में मुत्तफ़िक़ होने की ज़रुरत है के वह माख़ज़ की शक्ल की तक्लीद किस क़दर करना चाहते हैं, अल्फ़ाज़ पर कितना क़र्ज़ लेने की इजाज़त है, और दीगर उनवानात। तर्जुमा करने से मुताल्लिक यह हिस्सा भी देखें क़ाबिल ए क़बूल.
- क्या तर्जुमा करना है का इन्तखाब करना – किताबों को कलीसिया की ज़रूरियात और तर्जुमे की दुश्वारी की बिना पर मुन्तखिब किया जाना चाहिए
तर्जुमा मजलिस के ये फ़ैसले करने के बाद किसी दस्तावेज़ में उन्हें लिखना अच्छा है ताके तर्जुमा में शामिल हर शख्स उसे पढ़ सके। इससे हर एक को तर्जुमे के यकसां फ़ैसला करने में मदद मिलेगी और इन चीज़ों के बारे में मज़ीद बहस से गुरेज़ करेगा।
तर्जुमे की टीम का इन्तखाब करने के बाद, यह वक़्त होगा के उनको तर्जुमे की तरबियतदेना शुरू किया जाए।