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हरूफ़-ए-तहज्जी बनाना

अगर आपकी ज़बान पहले से लिखा नहीं है तो, आपको एक हरूफ़-ए-तहज्जी बनाना होगा ताकि आप उसे लिख सकें. एक हरूफ़-ए-तहज्जी पैदा करने के बारे में सोचने के लिए बहुत से चीज़ें हैं, और एक अच्छा बनाने में बहुत मुश्किल हो सकता है. अगर ये बहुत मुश्किल लगता है तो, आप एक तहरीर एक के बजाय आडीयो तर्जुमा कर सकते हैं |

एक अच्छा हरूफ़-ए-तहज्जी का मक़सद आपके ज़बान की हर मुख़्तलिफ़ आवाज़ की नुमाइंदगी करने के लिए एक ख़त है |

अगर एक पड़ोसी ज़बान में पहले से ही एक हरूफ़-ए-तहज्जी है, और अगर इस ज़बान को आपकी ज़बान में इसी तरह की आवाज़ मिलती है तो, ये सिर्फ अपने हरूफ़-ए-तहज्जी को क़र्ज़ देने के लिए अच्छी तरह से काम कर सकता है. अगर नहीं, तो अगले सबसे अच्छी बात ये है कि हरूफ़-ए-तहज्जी से लेकर क़ौमी ज़बान से आपको स्कूल में सीखा | ताहम, ये मुम्किन है कि आपकी ज़बान ने ये महसूस किया है कि क़ौमी ज़बान नहीं है, और इस तरह आपकी ज़बान के तमाम आवाज़ों की नुमाइंदगी करने के लिए इस हरूफ़-ए-तहज्जी का इस्तिमाल करना मुश्किल होगा. इस सूरत में, आपकी ज़बान में हर आवाज़ के बारे में सूचना अच्छा है. काग़ज़ की एक टुकडा पर क़ौमी ज़बान के हरूफ़-ए-तहज्जी को ऊपर से नीचे लिखें | फिर आप हर ज़बान के साथ अपनी ज़बान से एक लफ़्ज लिखें जो कि इस आवाज़ से शुरू हो या इस में इस की आवाज़ है. इस ख़त को दर्ज करें जो इस आवाज़ को हर अलफ़ाज़ में बनाता है |

क़ौमी  हरूफ़-ए-तहज्जी में ख़त हो सकते हैं जो आपकी ज़बान  इस्तिमाल नहीं करती है. ये ठीक है. अब इन अलफ़ाज़ से आवाज़ों के बारे में सोचें कि आपने एक मुश्किल वक़्त लिखा था, या आपके लिए एक ख़त नहीं मिल सका. अगर आवाज़ एक ऐसी आवाज़ की तरह है जैसे आपने एक ख़त तलाश किया, तो शायद आप इस आवाज़ को दूसरी आवाज़ की नुमाइंदगी करने में तरमीम कर सकते हैं | मिसाल के तौर पर, अगर आपके पास "s" की नुमाइंदगी  हुई आवाज़ है, और इसी तरह की आवाज़ जिसके लिए कोई ख़त नहीं था, आपको इसी तरह के आवाज़ के लिए एक निशान भी शामिल हो सकता है, जैसे उस के ऊपर या ^ या ~ डाल . अगर आपको मालूम होता है कि आवाज़ का एक गिरोह है जो ऐसा लगता है कि क़ौमी  ज़बान की आवाज़ों से भी इसी तरह की फ़र्क़ है, तो इस तरह के हुरूफ़ के इस ग्रुप में तरमीम करना अच्छा है |

एक-बार जब आपने इस मश्क़ को मुकम्मल कर लिया है और आपकी ज़बान में मज़ीद आवाज़ों पर ग़ौर नहीं किया जा सकता, तो एक कहानी लिखने की कोशिश करें या कुछ ऐसी चीज़ें लिखें जिन्हें हाल ही में हुआ है. जैसा कि आप लिखते हैं, शायद आपको शायद ये पता लग जाएगा कि आपने पहले ही नहीं सोचा. ख़ुतूत में तरमीम जारी रखें ताकि आप इन आवाज़ों को लिख सकें. इस फ़हरिस्त को इन आवाज़ों में शामिल करें जो आपने पहले किए है |

आपकी ज़बान के दूसरे स्पीकर को अपनी ज़बान की आवाज़ ले लू जो क़ौमी ज़बान को भी पढ़ते हैं और देखें कि वो उस के बारे में क्या सोचते हैं. शायद वो कुछ ख़ुतूत में तरमीम करने के लिए मुख़्तलिफ़ तरीक़े से तजवीज़ कर सकते हैं जो पढ़ने के लिए आसान या आसान है. इस दूसरे लोगों को भी जो कि आपने लिखा है इस को भी दिखाएंगे और अलफ़ाज़ और ख़त आवाज़ों की फ़हरिस्त के हवाले से उसे पढ़ने के लिए उनको पढ़ाऐं. अगर वो आसानी से पढ़ने के लिए सीख सकते हैं, तो आपके हरूफ़-ए-तहज्जी अच्छा है |

अगर ये मुश्किल है तो, इस में हरूफ़-ए-तहज्जी के हिस्से हो सकते हैं जो अब भी आसान होने के लिए काम की ज़रूरत होती है, या शायद एक ही ख़त की तरफ़ से नुमाइंदगी की जा रही है जिसमें मुख़्तलिफ़ आवाज़ हो सकती है, या शायद कुछ आवाज़ हो सकती है कि आप अब भी हुरूफ़ तलाश करने की ज़रूरत है.

अगर क़ौमी ज़बान रोमन हरूफ़-ए-तहज्जी के इलावा किसी तहरीरी निज़ाम का इस्तिमाल करता है, तो उस के बारे में सोचो कि मुख़्तलिफ़ अलामात जो आपको अलामात में तरमीम करने के लिए इस्तिमाल कर सकते हैं ताकि आप अपनी ज़बान की आवाज़ पेश कर सकें. ये सबसे बेहतर है अगर आप कम्पयूटर पर दुबारा मुअज़्ज़िज़ होने वाले तरीक़ों में अलामात को निशान ज़िद कर सकते हैं. (आप एक लफ़्ज प्रोसैसर में लिखना के निज़ाम के साथ या तर्जुमा की बोर्ड में की बोर्ड के साथ इस्तिमाल कर सकते हैं. http://ufw.io/tk/) अगर आपकी बोर्ड बनाने में मदद की ज़रूरत हो तो, एक ईमेल की दरख़ास्त help@door43.org. पर भेजें. जब आप अलामतों का इस्तिमाल करते हैं जो कम्पयूटर की बोर्ड पर टाइप कर सकते हैं, तो आपका तर्जुमा इलैक्ट्रॉनिक तौर पर ज़ख़ीरा, नक़ल, और तक़सीम किया जा सकता है, और फिर लोगों को उसे किसी भी क़ीमत के ले-ए-नहीं पड़ता और उसे टैब्लेट या सेल फ़ोन पर पढ़ सकता है |