ur-deva_ta/intro/statement-of-faith/01.md

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इस दस्तावेज़ का दफ्तरी नुस्खा पर मौजूद है.

ईमान के मंदर्जा जैल बयान की अन्फोल्डिंग वर्ड, नीकानी नसल, और [असाना सयुसी नसल] (https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/athanasian.md) नीज़ [लूजीन अहद] के सभी मेम्बर तंज़ीम और शराकत दारों ने तस्दीक़ की है.

हमारा ईमान है कि ईसाइयत के अक़ीदा को लाज़मी अक़ाएद और नज़रीयाती अक़ाएद में तक़सीम किया जा सकता है और किया जाना चाहिए (रूमियों 14).

लाज़मी अक़ाएद

लाज़मी अक़ाएद वह हैं जो ईसा मसीह के पैरोकार की वजाहत करते हैं और जिनसे कभी भी समझौता नहीं किया जा सकता और नह ही उन्हें नज़र अंदाज़ किया जा सकता है.

  • हम ईमान रखते हैं कि सिर्फ बाइबिल ही ग़ैबी, हर खता से पाक, किफ़ायत करने वाली, खुदा का मुस्तनद कलाम है (1 Thessalonians 2:13; 2 Timothy 3:16-17).
  • हम ईमान रखते हैं कि खुदा एक है, अजली तौर पर तीन अफराद में मौजूद है: खुदा बाप, ईसा मसीह बेटे और रूहुलकुद्स (Matthew 28:19; John 10:30).
  • हम ईसा मसीह की खुदाई पर यकीन रखते हैं (John 1:1-4; Philippians 2:5-11; 2 Peter 1:1).
  • हम ईसा मसीह की इंसानियत, उनकी कुंवारी पैदाइश, उनकी मासूम ज़िन्दगी,उनके मोजज़ात, उनकी मजमूई और गैर आहंग बहते हुए खून के साथ मौत, उनके जिस्मानी तौर पर जिंदा होने, और उनके बाप के दाहिने तरफ आसमान पर उठा लिए जाने पर यकीन रखते हैं (Matthew 1:18,25; 1 Corinthians 15:1-8; Hebrews 4:15; Acts 1:9-11; Acts 2:22-24).
  • हम यकीन रखते हैं कि हर आदमी खल्की तौर पर गुनहगार है और इसीलिए अब्दी जहन्नम का मुस्तहक है (Romans 3:23; Isaiah 64:6-7).
  • हम यकीन रखते हैं कि गुनाह से निजात खुदा का एक तोहफा है, जो ईसा मसीह की क़ुरबानी वाली मौत और उनके दोबारा आने के ज़रियः अता किया गया है, इसे ईमान के ज़रियः पाया जाता है, कामों से नहीं (John 3:16; John 14:6; Ephesians 2:8-9, Titus 3:3-7).
  • हम यकीन रखते हैं कि हकीकी ईमान हमेशा तौबा के ज़रियः और रूहुल्कुद्स के अहया से हासिल होता है (James 2:14-26; John 16:5-16; Romans 8:9).
  • हम रूहुल्कुद्स की मौजूदा वज़ारत में यकीन रखते हैं जिसके ज़रियः ईसा मसीह के पैरोकार एक खुदाई ज़िन्दगी जीने के क़ाबिल हैं (John 14:15-26; Ephesians 2:10; Galatians 5:16-18).
  • हम खुदा ईसा मसीह में तमाम ईमान वालों की रूहानी इत्तिहाद में यकीन रखते हैं, तमाम कौमों और ज़बानों और लोगों की जमात की जानिब से (Philippians 2:1-4; Ephesians 1:22-23; 1 Corinthians 12:12,27).
  • हम ईसा मसीह की जाती और जिस्मानी वापसी पर यकीन रखते हैं (Matthew 24:30; Acts 1:10-11).
  • हम नाजी और गैर नाजी दोनों के हश्र पर ईमान लाते हैं: जिनको निजात नहीं मिली उनका हश्र जहन्नम की दायिमी तबाही के साथ होगा और जिनको निजात मिल गई उनका हश्र खुदा के साथ जन्नत में अब्दी नेमत के साथ होगा (Hebrews 9:27-28; Matthew 16:27; John 14:1-3; Matthew 25:31-46).

नज़रीयाती अक़ाएद

नज़रीयाती अक़ाएद में वह सब शामिल हैं जो साहीफे में दर्ज हैं मगर जिसके बारे में मसीह के मुखलिस पैरोकारों से इख्तिलाफ नहीं हो सकता है (जैसे बप्तिस्मा, रब का दस्तूर, वजदानी कैफियत वगैरह). हम इन मौज़ूआत पर मुत्तफ़िक़ तरीके से मुत्तफ़िक़ होने पर इत्तिफाक करते हैं और एक साथ जोर लगा कर सभी तबके के लोगों को शागिर्द बनाने के आम मकसद का इंतखाब करते हैं. (Matthew 28:18-20).