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तफ़सील

लिखना मुख़्तलिफ़ इक़साम या किस्में हैं, और हर किस्म के लिखने का अपना मक़सद है क्योंकि इन मक़ासिद मुख़्तलिफ़ हैं, मुख़्तलिफ़ किस्म के मुख़्तलिफ़ किस्म के मुख़्तलिफ़ किस्म की तहरीरें मुनज़्ज़म हैं वो मुख़्तलिफ़ फ़ालात, मुख़्तलिफ़ किस्म के जुमले इस्तिमाल करते हैं और उन लोगों और चीज़ों का हवाला देते हैं जो मुख़्तलिफ़ तरीक़े से लिखते हैं ये इख़तिलाफ़ात रीडर की मदद से तेज़ी से लिखने के मक़सद को जानने में मदद करती हैं, और वो बेहतरीन ज़रीया में मुसन्निफ़ के मअनी को बातचीत करने के लिए काम करते हैं

लिखावट की इक़साम

मुंदरजा ज़ैल चार बुनियादी इक़साम की तहरीर मौजूद हैं जो हर ज़बान में मौजूद हैं हर किस्म की तहरीरी एक मुख़्तलिफ़ मक़सद है

  • ** दास्तान * या * क़ाबिल ** - एक कहानी या वाक़िया बताता है
  • ** तशरीह ** - हक़ायक़ की वज़ाहत करता है या उसूलों को सिखाता है
  • ** अमलदरआमद ** - बताता है कि किस तरह कुछ करना है
  • ** Argumentative ** - किसी को कुछ करने के लिए क़ाइल करने की कोशिश करता है

ये क्यों एक तर्जुमा मसला है

हर ज़बान में इन मुख़्तलिफ़ इक़साम की तहरीरी तंज़ीम को मुनज़्ज़म करने का अपना तरीक़ा है मुतर्जिम को लिखने के कुसुम को समझना चाहिए कि वो तर्जुमा कर रहे हैं, समझते हैं कि ये किस तरह ज़रीया ज़बान में मुनज़्ज़म किया जाता है, और ये भी जानता है कि इस की ज़बान इस तरह के तहरीर को किस तरह मुनज़्ज़म करती है वो लिखते हैं कि इस की शक्ल इस शक्ल में डालती है कि इस की ज़बान इस किस्म की तहरीरी के लिए इस्तिमाल करती है ताकि लोगों को सही तरीक़े से समझ सके हर तर्जुमा में, जिस तरह के अलफ़ाज़, जुमले और पैराग्राफ़ का एहतिमाम किया जाता है वो इस बात पर-असर अंदाज़ करेगा कि लोग पैग़ाम किस तरह समझ लेंगे

लिखना तरज़ें

मुंदरजा ज़ैल तरीक़े से लिखने के तरीक़े हैं जो मुंदरजा बाला चार बुनियादी इक़साम के साथ मिल सकते हैं ये तहरीरी शैलियों अक्सर तर्जुमा में चैलेंजिज़ पेश करते हैं

  • ** शेअर ** - एक ख़ूबसूरत अंदाज़ में ख़्यालात और एहसासात का इज़हार
  • ** इमसाल ** - मुख़्तसर तौर पर एक सच्च या हिक्मत सिखाता है
  • ** अलामती ज़बान ** - चीज़ों और वाक़ियात की नुमाइंदगी करने के लिए निशान इस्तिमाल करता है
  • ** संबू लेक नबुव्वत ** - अलामती ज़बान का इस्तिमाल करता है कि मुस्तक़बिल में क्या होगा
  • ** हयातयाती हालात ** - इस बारे में बताता है कि अगर कुछ सही हो या किसी चीज़ के बारे में जज़बात का इज़हार करे जो हक़ीक़ी नहीं है

डिस्काउंट की ख़सुसीआत

ज़बान में मुख़्तलिफ़ इक़साम की तहरीरी के दरमयान फ़र्क़ उनकी गुफ़्तगु की ख़सुसीआत को कहा जा सकता है किसी मख़सूस मतन का मक़सद इस बात पर-असर अंदाज़ करेगा कि किस किस्म की गुफ़्तगु की ख़सुसीआत इस्तिमाल की जाती हैं मिसाल के तौर पर, एक रिवायत में, गुफ़्तगु की ख़सुसीआत में शामिल होगी

  • दूसरे वाक़ियात से पहले और इस के बाद होने वाले वाक़ियात के बारे में बताएं
  • कहानी में लोगों को मुतआरिफ़ किराया
  • कहानी में नए वाक़ियात मुतआरिफ़ किराया
  • गुफ़्तगु और हवालाजात का इस्तिमाल
  • इस्म और चीज़ों के साथ लोगों और चीज़ों का हवाला देते हुए

ज़बानें इन मुख़्तलिफ़ गुफ़्तगु की ख़सुसीआत का इस्तिमाल करने के मुख़्तलिफ़ तरीक़े हैं मुतर्जिम अपनी ज़बान को हर एक चीज़ से मुताल्लिक़ तरीक़े से मुताला करने की ज़रूरत होगी, ताकि उस का तर्जुमा वाज़िह और क़ुदरती रास्ते में सही पैग़ाम से गुफ़्तगु करे दीगर किस्म की तहरीरी दीगर अलफ़ाज़ की ख़सुसीआत हैं

मख़सूस बेहस के मसाइल

  1. ** नई ईवंट का तआरुफ़ ** - अलफ़ाज़ "जैसे एक दिन "या ये उस के बारे में आया "या ये कैसे हुआ "या इस के बाद कुछ "इस क़ारईन के लिए सिगनल कि नई तक़रीब के बारे में कहा जाएगा
  2. ** नए और पुराने शुरका का तआरुफ़ ** - ज़बानें नए लोगों को मुतआरिफ़ कराने के तरीक़ों हैं और उन लोगों का दुबारा हवाला देते हैं
  3. ** पस-ए-मंज़र की मालूमात ** - एक मुसन्निफ़ कई वजूहात के लिए पस-ए-मंज़र की मालूमात इस्तिमाल कर सकता है 1) कहानी के मुफ़ाद में इज़ाफ़ा करने के लिए,2) कहानी को समझने के लिए ज़रूरी मालूमात फ़राहम करने के लिए या3) कहानी में कुछ क्यों अहम है
  4. ** मुतर्जिम उनका इस्तिमाल करने के लिए ** - ज़बानों में ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो ज़मीमा इस्तिमाल करते हैं अगर उस के पैटर्न की पैरवी नहीं की जाती है तो, ग़लत मतलब का नतीजा हो सकता है
  5. ** कहानी का इख़तताम ** - कहानियां मुख़्तलिफ़ इक़साम की मालूमात के साथ ख़त्म हो सकती हैं ज़बानें मुख़्तलिफ़ होती हैं कि ये किस तरह की मालूमात कहानी से मुताल्लिक़ है
  6. ** कोटेशन और इक़तिबास मार्जिनज़ ** - ज़बानों में किसी ने किया कहा है की रिपोर्टिंग के मुख़्तलिफ़ तरीक़े हैं
  7. ** मरबूत अलफ़ाज़ ** - ज़बानें ताल्लुक़ रखने वाले अलफ़ाज़ (जैसे "और, "लेकिन, या "फिर" के इस्तिमाल के लिए नमूना हैं)