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तौसीक़ जाँच

तौसीक़ जाँच उन लोगों के ज़रिये किया जाएगा जो ज़बान बिरादरी की कलीसिया के रहनुमाओं के ज़रिये मुन्तखिब किये गए हैं। ये लोग हदफ़ ज़बान के पहली ज़बान बोलने वाले हैं, बाईबल के बारे में साहिब ए इल्म हैं, और उनकी राय का कलीसिया के रहनुमाओं के ज़रिये एहतराम किया जाता है। अगर मुमकिन है, तो ये वो लोग होने चाहिए जिन्होंने बाईबल की ज़बानों और मवाद और तर्जुमा के उसूलों में तरबियत पायी है। जब ये लोग तर्जुमे की तस्दीक़ करते हैं, तो कलीसिया के रहनुमा तर्जुमे की तक़सीम और उनके साथ वाबस्ता लोगों के दरमियान इस्तेमाल की तस्दीक़ करेंगे।

अगर ये लोग ज़बान बिरादरी में मौज़ूद नहीं हैं, तब तर्जुमा तीं एक वापसीतर्जुमा तैयार करेगी ताके ज़बान बिरादरी के बाहर से बाईबल की माहिरीन तौसीक़ की जाँच कर सकें।

वो जो तौसीक़ की जाँच करते हैं उन्हें उनके अलावा दूसरे लोग होने चाहिए जिन्होंने पिछली दुरुस्तगी जाँच की थी। चूँकि तौसीक़ जाँच भी एक तरह का दुरुस्तगी जाँच है, तर्जुमें को ज़ियादा से ज़ियादा फ़ायदा मिलेगा अगर मुख्तलिफ़ लोग इनमे से हर एक जाँच करें।

तौसीक़ जाँच का मक़सद इस बात को यक़ीनी बनाना है के तर्जुमा दुरुस्त तौर पर अस्ल बाईबल मतन का पैग़ाम इत्तिला देता है और तारीख़ में और पूरी दुनिया में कलीसिया के सहीह अक़ीदे की अक्कासी करता है। तौसीक़ जाँच के बाद, कलीसिया के रहनुमा जो हदफ़ ज़बान बोलते हैं तस्दीक़ करें के तर्जुमा उनके लोगों के लिए क़ाबिल ए ऐतिमाद है।

बेहतरीन होगा अगर ज़बान बिरादरी में हर कलीसियाई नेटवर्क के रहनुमा बाज़ लोगों को मुक़र्रर करें या मंज़ूरी दें जो तौसीक़ जाँच करेंगे। इस तरीक़े से, तमाम कलीसियाई रहनुमा यह तस्दीक़ करने के क़ाबिल होंगे के तर्जुमा बिरादरी के तमाम कलीसियाओं के लिए क़ाबिल ए ऐतिमाद और मुफ़ीद है।

तौसीक़ जाँच के लिए हम जिस टूल का मशवरा देते हैं वो तर्जुमाकोर में सफ़बन्दी टूल है। मज़ीद जानने के लिए, सफ़बन्दी टूल पर जाएँ।

उन चीज़ों के बारे में मज़ीद जानने के लिए जिनकी जाँच की ज़रुरत है, जाँच के लिए चीज़ों की क़िस्में पर जाएँ।

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