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4.1 KiB

चलना, चलता, चले, चलता

ता’अर्रुफ़:

तम्सीली शक्ल में “चलने का" इस्ते’माल "आदत " का इल्म करवाता है।

  • "हनूक ख़ुदा के साथ चलता था" या’नी वह ख़ुदा के साथ गहरे रिश्ते में था।
  • “पाक -रूह के साथ चलना” या’नी पाक रूह की रहनुमाई में चलना कि ख़ुदा को ख़ुश करनेवाले और उसे इज़्ज़त पहुंचाने वाले काम करें।
  • ख़ुदा के हुक्मों में या ख़ुदा की राहों में चलना या’नी उसके हुक्मों को मान कर ज़िन्दगी जीना या’नी उसके “हुक्मों को मानना” या “उसकी मर्ज़ी पूरी करना।”
  • ख़ुदा कहता है कि वह “अपने लोगों के बीच सुकूनत करेगा” या उनके साथ “अच्छा बर्ताव ” करेगा।
  • “उल्टी चाल चलना” का मतलब ऐसी ज़िन्दगी की आदत रखना जो किसी के ख़िलाफ़ हो।
  • “पीछे चलना” या’नी किसी का पीछा करना। * इसका मतलब फ़र्माबर्दारी करना भी होता है।

तर्जुमे के लिए सलाह:

  • “जब तक “चलना” का सही मतलब समझ में आए तब तक इसे वैसा का वैसा रखना ही सही है।
  • “चलना” के तम्सीली इस्ते’मालों का तर्जुमा हो सकता है “ज़िन्दगी जीना” या “बर्ताव करना” या “काम करना।”
  • “रूह के मुताबिक़ चलना” का तर्जुमा हो सकता है, “पाक -रूह की फ़र्माबर्दारी में जीना।” या “पाक -रूह को ख़ुश करनेवाली ज़िन्दगी जीना” या “पाक रूह की रहनुमाई में ख़ुदा के लिए क़ाबिल-ए-क़ुबूल काम करना”।
  • “ख़ुदा के हुक्मों पर चलना” का तर्जुमा हो सकता है, “ख़ुदा के हुक्मों को मानने में जीना” या “खुदा के हुक्मों को मानना”।
  • “ख़ुदा के साथ चलता था” इसका तर्जुमा हो सकता है, “ख़ुदा के हुक्मों को मानकर और उसकी इज़्ज़त करके ख़ुदा के साथ क़रीबी रिश्ते की ज़िन्दगी जीना”।

(यह भी देखें: पाक रूह , इज़्ज़त )

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

शब्दकोश:

  • Strong's: H1869, H1979, H1980, H1981, H3212, H4108, H4109, G1330, G1704, G3716, G4043, G4198, G4748